कारोबार

भारत के महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र के विकास के लिए प्रोत्साहन, तकनीक, बुनियादी ढांचे में निवेश जरूरी

भारत के महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र के विकास के लिए प्रोत्साहन, तकनीक, बुनियादी ढांचे में निवेश जरूरी
बायजू राइट्स इश्यू को 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर की प्रतिबद्धता मिली

एयर एशिया तिरुवनंतपुरम-कुआलालंपुर सेवा 21 से शुरू

नई दिल्ली
भारत के महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र के विकास के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे में निवेश, विदेशों में खनन संचालन तथा अनुकूल नियामक परिवेश जैसे उपाय जरूरी हैं। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।

शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपने महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है क्योंकि यह उच्च तकनीक और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए महत्वपूर्ण है।

भारत वर्तमान में चीन, कांगो, चिली, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना, वियतनाम, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से आयात पर निर्भर है।

लिथियम, क्रोमियम, कोबाल्ट, एंटीमनी, आर्सेनिक, बैराइट, बेरिलियम, बिस्मथ, सीज़ियम, फ्लोरस्पार, गैलियम, जर्मेनियम, ग्रेफाइट, हेफ़नियम और अन्य जैसे महत्वपूर्ण खनिज आधुनिक प्रौद्योगिकियों के लिए अपरिहार्य हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, वे मोबाइल फोन, फ्लैट-स्क्रीन मॉनिटर, पवन टरबाइन, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), सौर पैनल, ड्रोन, विमान इंजन, उपग्रह तथा पेसमेकर सहित विभिन्न उच्च-तकनीकी अनुप्रयोगों के निर्माण का अभिन्न अंग हैं। इन्हें महत्वपूर्ण खनिज कहा जाता है क्योंकि इनकी कमी, राजनीतिक तनाव या अन्य कारकों के कारण आपूर्ति में कोई भी बाधा देश की सुरक्षा तथा अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे दुनिया हरित प्रौद्योगिकियों की ओर बढ़ रही है। इन खनिजों और उनके आसपास की भू-राजनीति का महत्व बढ़ता जा रहा है। दुनिया पहले से ही गंभीर खनिज आपूर्ति में अंतराल का सामना कर रही है।''

उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण खनिजों की मांग में वृद्धि हुई है, जिससे आपूर्ति-मांग में कमी तथा मूल्य में अस्थिरता हो सकती है और यह स्थिति उद्योगों की एक विस्तृत श्रृंखला पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। स्वच्छ ऊर्जा बदलाव में बाधा डाल सकती है और ऊर्जा सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे माल और तैयार उत्पादों को कुशलतापूर्वक परिवहन करने के लिए शोधन सुविधाओं, प्रसंस्करण तकनीकों में सुधार के लिए समर्पित अनुसंधान केंद्रों तथा लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के विकास की आवश्यकता है।

 

बायजू राइट्स इश्यू को 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर की प्रतिबद्धता मिली

नई दिल्ली
 एडटेक प्रमुख थिंक एंड लर्न को राइट्स इश्यू के जरिए निवेशकों से 30 करोड़ डॉलर की प्रतिबद्धता मिली है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि बायजू ब्रांड नाम के तहत संचालन करने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न ने 22-25 करोड़ अमेरिकी डॉलर उद्यम मूल्यांकन पर 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाने के लिए जनवरी में राइट्स इश्यू जारी किया था। यह फरवरी अंत में बंद होगा।

एक सूत्र ने बताया, ‘‘अभी तक बायजू को राइट्स इश्यू से करीब 30 करोड़ डॉलर की कुल प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है। कुछ निवेशकों ने राइट्स इश्यू का आकार बढ़ाने का भी सुझाव दिया है, लेकिन कंपनी के लिए प्राथमिकता मौजूदा इश्यू को सफलतापूर्वक बंद करना है।''

 

एयर एशिया तिरुवनंतपुरम-कुआलालंपुर सेवा 21 से शुरू

तिरुवनंतपुरम
 विमानन कंपनी एयर एशिया बरहाद  21 फरवरी से तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर के लिए सीधी उड़ान संचालित करेगी।

हवाई अड्डे की ओर से जारी बयान के अनुसार, एयर एशिया बरहाद 180 यात्रियों की क्षमता वाले एयरबस 320 विमान के साथ यह संचालन करेगी।

बयान के अनुसार, शुरुआत में विमान मंगलवार, बृहस्पतिवार, शनिवार और रविवार को रात 11 बजकर 50 मिनट पर तिरुवनंतपुरम पहुंचेगा और देर रात 12 बजकर 25 मिनट पर यहां से रवाना होगा।

एयर एशिया की तिरुवनंतपुरम से यह पहली सेवा होगी। कुआलालंपुर के अलावा उसकी ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया, सिंगापुर आदि देशों में सेवाएं मुहैया कराने की योजना है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
slot gacor toto 4d slot toto slot gacor thailand slot777 slot tergacor https://mataerdigital.com/ istanapetir slot gacor cupangjp situs maxwin ayamjp gampang menang slot online slot gacor 777 tikusjp situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot
lemonadestand.online monitordepok.com portal.pramukamaros.or.id elibrary.poltektranssdp-palembang.ac.id cutihos.wikaikon.co.id pmb.umpar.ac.id industri.cvbagus.co.id ppdb.smpn1mantup.sch.id taqwastory.sma1bukitkemuning.sch.id media.iainmadura.ac.id omedia.universitasbumigora.ac.id pik.omedia.universitasbumigora.ac.id https://threadsofhopetextiles.org/bekleng/indexing/