अन्तर्राष्ट्रीय

इजरायल पर हमले के पीछे ईरान? हमास के लड़ाकों को मुस्लिम देश से मिले घातक हथियार, सबूत का दावा

ईरान
क्या इजरायल के 9/11 हमले के पीछे ईरान का हाथ है? क्या हमास के लड़ाकों ने जिन हथियारों से इजरायलियों पर अटैक किया, वे तेहरान ने भेजे थे? ये ऐसे सवाल हैं जो इन दिनों खूब उठाए जा रहे हैं। दरअसल, द सन ने अपनी रिपोर्ट में इसे लेकर बड़ा दावा किया है। इसके मुताबिक, ऐसे सूबत हैं कि हमास ने इजरायल पर हमला करने के लिए ईरान के हथियारों के विनाशकारी जखीरे का इस्तेमाल किया था। रिपोर्ट के अनुसार, द सन के पत्रकार को दक्षिणी इजरायल में एक गुप्त सैन्य अड्डे पर बुलाया गया। यहां उसे वे हथियार और गोलाबारूद दिखाए गए जिनका 7 अक्टूबर के हमले में इस्तेमाल हुआ था। हमास की ओर से अचानक किए गए इन हमलों में 1,400 यहूदी मारे गए।

मिलिट्री बेस के इस शस्त्रागार में AK-47, हथगोले, माइन्स, IED, टाइमर और आत्मघाती ड्रोन देखने को मिले। अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व वाले कट्टरपंथी इस्लामिक देश की ओर से थर्मोबेरिक ग्रेनेड भी मुहैया कराए गए। हमास के लड़ाकों ने इन्हें इजरायली घरों में फेंका और कुछ ही सेकंड में सब कुछ जलकर खाक हो गया। युद्ध के मैदान से इजरायली सैनिकों ने ईरान में बने मोर्टार रॉकेट और माइन्स भी बरामद किए हैं। सैन्य अड्डे के अंदर ये सारे हथियार फर्श पर रखे गए थे। इजरायली सेना के अधिकारी ने बताया कि हमले में इस्तेमाल किए गए वेपन्स का यह छोटा सा हिस्सा है।

इजरायल के गांवों से भी बरामद हुए वेपन
इजरायल की क्रैक बम डिस्पोजल यूनिट में मेजर रैंक के ऑफिसर ने द सन के रिपोर्टर को ये हथियार दिखाए। इस दौरान अधिकारी ने अपना चेहरा ढका हुआ था और कुछ शर्तों के चलते उसने अपना नाम भी नहीं बताया। हालांकि, मिलिट्री बेस से रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकार ने उसे मेजर जी के नाम से बुलाया। वह इसे लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि इजरायल पर हमले में तेहरान शामिल है। उन्होंने कई थर्मोबेरिक ग्रेनेडों में से एक को अपने हाथों में पकड़कर दिखाया और कहा, 'आप यहां जो कुछ भी देख रहे हैं वह हम अपने गांवों से लाए हैं। ये गाजा के अंदर से नहीं हैं। हमास के लड़ाके इन हथियारों को 7 अक्टूबर को इजरायल में लेकर आए थे।'

सुरंगों में जमा किए जाते रहे हथियार
मेजर जी ने बताया, 'युद्धक्षेत्र में हमें जो कुछ मिला है यह उसका छोटा सा ही हिस्सा है। इनमें से करीब 15 प्रतिशत मेड-इन- ईरान हैं। ये मोर्टार, फ्यूज और उनके विस्फोटक उनके ही हैं। इन्हें ईरान में बनाया गया और हमास की ओर से यूज किए जाने से पहले गाजा पट्टी लाए गए थे।' उन्होंने बताया कि कत्लेआम वाली जगहों से बरामद रॉकेट वाले ग्रेनेड और दूसरी मिसाइलें उत्तर कोरिया में बनाई गई थीं। मेजर का मानना है कि आतंकवादी समूह के लड़ाके 500 रॉकेट वाले ग्रेनेड, करीब 200 आईईडी और 1,000 से अधिक AK-47 से लैस थे। ऐसा माना जा रहा है कि इस अटैक को लेकर 2 साल तक प्लानिंग की गई। इस दौरान इन हथियारों को गाजा की भूमिगत सुरंगों में जमा किया जाता था।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button