अन्तर्राष्ट्रीय

डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता संभाले अभी हफ्ते भर भी नहीं हुए हैं लेकिन तीसरी बार व्हाइट हाउस में बैठाने की कोशिशें शुरू हुई

वॉशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता संभाले अभी हफ्ते भर भी नहीं हुए हैं लेकिन उनकी रिपब्लिकन पार्टी के सांसद उन्हें तीसरी बार व्हाइट हाउस में बैठाने की कोशिशें शुरू कर चुके हैं। इसके लिए अमेरिकी संविधान में संशोधन की तैयारी होने लगी है। टेनेसी से रिपब्लिकन सांसद एंडी ओगल्स ने अमेरिकी संसद में एक संयुक्त प्रस्ताव पेश कर संविधान के 22वें संशोधन में नया संशोधन करने की मांग की है। अगर यह संविधान संशोधन होता है तो डोनाल्ड ट्रंप को तीसरे कार्यकाल के लिए दावेदार बनने की अनुमति मिल जाएगी। मौजूदा नियमों के मुताबिक अमेरिका में कोई शख्स अधिकतम दो कार्यकाल के लिए ही राष्ट्रपति बन सकता है। ट्रंप का यह दूसरा कार्यकाल है, जो 20 जनवरी से शुरू हुआ है।

गुरुवार को प्रस्ताव पेश करने वाले टेनेसी से रिपब्लिकन सांसद एंडी ओगल्स ने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप ने खुद को आधुनिक इतिहास में एकमात्र ऐसे नेता के रूप में साबित किया है, जो हमारे देश के पतन को पलटने और अमेरिका को फिर से महान बनाने में सक्षम है और उन्हें यह मिशन पूरा करने के लिए जरूरी समय दिया जाना चाहिए।” पिछले राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान तत्कालीन उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने इस बात को लेकर आगाह किया था और लोगों को चेतावनी दी थी कि अगर ट्रंप सत्ता में आ गए तो वह देश का कानून बदल देंगे।

अब एंडी ओगल्स के प्रस्ताव ने इस आशंका को बल दिया है। ट्रंप सत्ता संभालते ही नागरिकता, लिंग और प्रवासी कानून को बदल चुके हैं। अब राष्ट्रपति के कार्यकाल का नियम भी बदला जा सकता है। कई विपक्षी सांसदों ने रिपब्लिकन सांसद के इस कदम की आलोचना की है और उस पर नाराजगी जताई है। ओगल्स रिपब्लिकन पार्टी के एक कट्टरपंथी रूढ़िवादी सांसद हैं। वह सांसद के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं।

अमेरिकी संविधान के 22वें संशोधन में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक राष्ट्रपति के पद पर निर्वाचित नहीं किया जाएगा, और कोई भी व्यक्ति जिसने राष्ट्रपति के पद पर कार्य किया हो, या किसी अन्य व्यक्ति के राष्ट्रपति निर्वाचित होने की अवधि के दो वर्ष से अधिक समय तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के पद पर रहा हो, उसे एक बार से अधिक राष्ट्रपति के पद पर निर्वाचित नहीं किया जाएगा।

बता दें कि इससे पहले ट्रंप खुद टाइम मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में कह चुके हैं कि वह इस तरह के संविधान संशोधन का समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा था, "मैं किसी भी तरह की चुनौती के पक्ष में नहीं हूं और ऐसे संविधान संशोधन के पक्ष में भी नहीं हूं।" इस बावत व्हाइट हाउस की तरफ से अधिकारिक टिप्पणी सामने नहीं आई है।

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