खेल-खिलाड़ी

यह गलत धारणा है कि समयसीमा का पालन करना है, रिहैब में धैर्य जरूरी : लक्ष्मण

बेंगलुरू
 बीसीसीआई के उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर आफ एक्सीलैंस) के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण ने कहा है कि चोटिल क्रिकेटरों की रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया में पूर्व निर्धारित समय सीमा की बजाय जरूरी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए धैर्य के साथ आगे बढना महत्वपूर्ण है। पिछले दो साल में ऋषभ पंत, जसप्रीत बुमराह, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे शीर्ष क्रिकेटरों ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में कई महीने बिताये हैं। अब यही अकादमी सेंटर आफ एक्सीलैंस बन गई है। ये सभी क्रिकेटर पूरी तरह फिट होकर मैदान पर लौटे।

लक्ष्मण ने यहां सेंटर के उद्घाटन के मौके पर चुनिंदा पत्रकारों से कहा, ‘‘यह गलत धारणा है कि समय सीमा का पालन करना है। मैं समझता हूं कि कई बार आपको लगता है कि आप इस समय सीमा में फिट हो जायेंगे लेकिन कई बार ऐसा नहीं हो पाता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि प्रोटोकॉल का संयम के साथ पालन करना जरूरी है लेकिन कई बार रिकवरी में देर भी हो जाती है। हमने ऋषभ पंत का मामला देखा है और जस्सी का भी। कई खिलाड़ी यहां आये और कड़ी मेहनत की जिसका परिणाम भी मिला।’’

लक्ष्मण ने कहा कि रिकवरी के दौरान सबसे अहम मानसिक रूप से मजबूत बने रहना था। उन्होंने कहा, ‘‘रिहैबिलिटेशन में सबसे चुनौतीपूर्ण होता है कि पूरे दिन में दो तीन घंटे ही यह प्रक्रिया होती है और बाकी दिन खिलाड़ी के पास करने के लिये कुछ नहीं होता। ऐसे खिलाड़ी जिनको रोज छह से आठ घंटे खेलने या अभ्यास करने की आदत है, वे अचानक रिहैब रूम तक सिमट जाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रिकवरी के बाद अधिकतम चार से पांच घंटा मैदान पर जाते हैं। इसके लिये मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी है।’’

हमारे पास ऐसे क्रिकेटर हैं जो दस साल तक भारत का दबदबा बनाये रखने में मदद करेंगे

 बीसीसीआई के सेंटर आफ एक्सीलैंस के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण का मानना है कि भारतीय क्रिकेट में ऐसी ‘बेंच स्ट्रेंथ’ है कि अगले एक दशक तक हर प्रारूप में विश्व क्रिकेट में भारत का दबदबा बनाने में मदद कर सकते हैं।

लक्ष्मण 2021 में राहुल द्रविड़ के बाद राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के प्रमुख बने थे। अब एनसीए को ही उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर आफ एक्सीलैंस) में बदल दिया गया है जिसका उद्घाटन रविवार को हुआ। लक्ष्मण का कार्यकाल इस साल की शुरूआत में खत्म हो गया था लेकिन इसमें एक साल का विस्तार दिया गया।

लक्ष्मण ने यहां चुनिंदा पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हमारे पास इतने खिलाड़ी हैं कि अगले दस साल तक भारत को गौरवान्वित कर सकते है। यह मैं सिर्फ पुरूष क्रिकेट नहीं बल्कि महिला क्रिकेट के बारे में भी बोल रहा हूं। हम खुशकिस्मत हैं कि हमारे पास इतने प्रतिभावान खिलाड़ी हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने वेस्टइंडीज में टी20 विश्व कप 2024 जीता जो बड़ी बात है। लेकिन अगर तीनों प्रारूपों में देखें तो हमारा दबदबा रहा है। रैंकिंग ही नहीं बल्कि दूसरे पहलुओं में भी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट में एक ‘सप्लाय चेन’ बन गई है क्योंकि हमारे पास कई खिलाड़ी हैं।यह बहुत अच्छी बात है।’’

लक्ष्मण ने कहा कि खिलाड़ियों के स्वाभाविक खेल से छेड़छाड़ किये बिना उन्हें तैयार करना जरूरी था। उन्होंने कहा,‘‘ फोकस इसी पर था कि उन्हें कैसे तैयार किया जाये कि वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें। हमने उन्हें निर्देश नहीं दिये कि ये करना है और ये नहीं करना है और ना ही उनकी तकनीक में बदलाव किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ी को सहज महसूस करना चाहिये। हम नहीं चाहते कि वह सलाह देने वाले की बात का बोझ लेने लगे। जब राहुल भारतीय टीम का मुख्य कोच था तो उसके जिम्मे अनुबंधित खिलाड़ी थे और हम एनसीए में बाकी खिलाड़ियों, उदीयमान और अंडर 19 खिलाड़ियों को तैयार करते थे।’’ लक्ष्मण ने कहा कि इसके लिये प्रदेश क्रिकेट संघों में भी सहयोगी स्टाफ का ऐसा नेटवर्क तैयार किया गया कि कोचिंग में एकरूपता और निरंतरता बनी रहे।

टी20 विश्व कप के लिये भारतीय महिला टीम की तैयारी बेहतरीन

 भारत के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण का मानना है कि हरमनप्रीत कौर की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने टी20 महिला विश्व कप से पहले यहां सेंटर आफ एक्सीलैंस में लगाये गए शिविर में जो मेहनत की है, उसका फायदा टूर्नामेंट में मिलेगा। भारतीय टीम चार अक्टूबर को दुबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला मैच खेलेगी।

लक्ष्मण ने बीसीसीआई के सेंटर आफ एक्सीलैंस में चुनिंदा पत्रकारों से कहा, ‘‘उन्होंने जिस प्रतिबद्धता, समर्पण और ऊर्जा के साथ तैयारी की है, वह अतुलनीय है। मुझे उनकी तैयारियों पर गर्व है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह काफी अच्छा शिविर था और मुख्य कोच अमोल मजूमदार ने इस तरीके से तैयार किया था कि पहले चरण में मानसिक और शारीरिक पहलुओं पर फोकस था।’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद ब्रेक था और दूसरे चरण में कौशल तथा तकनीकी पहलू पर जोर रहा। यह सिर्फ नेट्स अभ्यास तक नहीं था बल्कि पांच मैच भी खेले जिसमें अमोल ने उन्हें अलग अलग तरह की चुनौतियां दी।’’

लक्ष्मण ने कहा कि भारत में महिला क्रिकेट आगे की ओर बढ रहा है और इसमें महिला प्रीमियर लीग की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा,‘‘मेरा मानना है कि महिला क्रिकेट का ग्राफ ऊपर जा रहा है।इस भूमिका में मैने भारतीय युवा लड़कियों और अंतरराष्ट्रीय महिला खिलाड़ियों को तैयारी करते देखा है। डब्ल्यूपीएल काफी अच्छी पहल है। इससे आईपीएल की ही तरह घरेलू क्रिकेटरों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जगह बनाने का मंच मिला है।’’

 

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