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जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान में अब जुड़ गया है जय अनुसंधान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल  
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारतीय विज्ञान और परंपरा के गहरे संबंध हैं। भारत ने हमेशा अपने नेतृत्व से विज्ञान और नवाचार को प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच ने भारतीय विज्ञान और अनुसंधान को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने 'जय जवान, जय किसान' का आह्वान कर भारत को एक नई ऊर्जा दी। इस नारे ने न केवल भारत की रक्षा और कृषि को मजबूत किया, बल्कि राष्ट्र को आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित भी किया। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने इस कड़ी में 'जय विज्ञान' को जोड़ा, जो भारत की वैज्ञानिक सोच और उपलब्धियों को दर्शाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस श्रृंखला में 'जय अनुसंधान' जोड़ते हुए विज्ञान और नवाचार को एक नई दिशा दी है। कोविड-19 महामारी के दौरान मात्र एक वर्ष में स्वदेशी वैक्सीन का निर्माण करना इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। यह उपलब्धि भारत के वैज्ञानिक सामर्थ्य और नेतृत्व की कुशलता को प्रदर्शित करती है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी के समय में हुए परमाणु परीक्षण (पोखरण) और प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में हुई वैज्ञानिक प्रगति, दोनों ही यह दिखाते हैं कि भारत ने हर चुनौती को अवसर में बदलकर दुनिया के सामने अपनी योग्यता और क्षमता को सिद्ध किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को रवींद्र भवन में 31वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस को बाल प्रतिभाओं के विकास का बेहतरीन मंच बताया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन जिले के डोंगला में स्थापित वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला में हुए नवीनीकरण कार्य एवं नए उपकरणों के साथ ऑटोमेशन कार्य का वर्चुअल शुभारंभ किया। उन्होंने वीर भारत न्यास के रिसर्च जर्नल 'युगयुगीन भारत का पुरोवाक्' का विमोचन किया, साथ ही वीर भारत न्यास द्वारा बनाई गई महादेव फिल्म सीरीज का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जितेन्द्र सिंह का वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया। वीडियो संदेश में केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह ने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में आए बच्चों को श्रेष्ठतम प्रदर्शन करने की प्रेरणा देकर उनका उत्साहवर्धन किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। विज्ञान और संस्कृति का यह समन्वय भारत को एक बार फिर से वैश्विक मंच पर सबसे आगे लाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने बच्चों और शिक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि भारत का भविष्य आप सबके हाथों में है। विज्ञान, संस्कृति और परंपरा का संतुलन ही हमारे विकास का आधार है। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में 6 खाड़ी देशों और भारत के विभिन्न राज्यों से आये 700 बच्चों और शिक्षकों की भागीदारी ने इसे विशेष और ऐतिहासिक बना दिया है। यह आयोजन नई पीढ़ी को विज्ञान और नवाचार के प्रति प्रेरित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने डोंगला वेधशाला के ऑटोमेशन के शुभारंभ पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि यह पहल छात्रों और शोधकर्ताओं के लिये खगोलीय रहस्यों को बेहतर तरीके से समझने में सहायक होगी। उन्होंने बताया कि भारत का खगोल विज्ञान प्राचीन काल से उन्नत थे। उन्होंने कहा कि नवग्रह की पूजा, ज्योतिष और खगोलीय घटनाओं का अध्ययन हमारी सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्रीनविच समय की अवधारणा को पुन: परिभाषित करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने समय और खगोलीय पिण्डों की परिक्रमा का अध्ययन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से किया था, जिसे आज के परिप्रेक्ष्य में पुन: परिभाषित करने की आवश्यकता है। रात के बारह बजे दिन की शुरूआत किसी भी दृष्टिकोण से वैज्ञानिक नहीं लगती। उन्होंने बाल वैज्ञानिकों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि हर हाथ को काम, हर खेत को पानी के साथ अब हर युवा को अनुसंधान के अवसर देने का संकल्प लिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी कोशिश है कि हम भारत के प्राचीन इतिहास और ज्ञान को न केवल संरक्षित करें, बल्कि इसे आधुनिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करें। विज्ञान और संस्कृति की जुगलबंदी ने भारत को हजारों वर्षों से समृद्ध बनाए रखा। इसे पुनर्परिभाषित करने का समय आ गया है।

मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार और वीर भारत न्यास के सचिव डॉ. श्रीराम तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में पहली बार राज्य की प्राचीन भारतीय विरासत, साहित्य, संस्कृति, विज्ञान, कृषि, जल संरक्षण और उद्योग-व्यापार के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विज्ञान और संस्कृति को एक साथ जोड़ने के प्रयासों को नई ऊंचाई दी है। इसी क्रम में वीर भारत न्यास द्वारा दो महत्वपूर्ण पहल की गई हैं। पुरोवाक् रिसर्च जर्नल भारतीय सभ्यता, संस्कृति और इतिहास के विभिन्न आयामों पर केंद्रित होगा। इसका पहला अंक भारत की ऐतिहासिक, पुरातात्विक और समाज वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ समकालीन प्रासंगिकता को रेखांकित करता है।

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