हरियाणा

जम्मू और उत्तराखंड ने अपनाई हरियाणा की पीपीपी योजना

  • नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री
  • हरियाणा ने केंद्र की योजनाओं को लागू कर लोगों को दिया लाभ

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि पिछले आठ वर्षों के दौरान हरियाणा ने केंद्र की योजनाओं को लागू करके अधिक से अधिक लोगों को उनका लाभ देने का प्रयास किया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक में भाग लेकर हरियाणा का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने वर्ष 2017 में अपना महत्वाकांक्षी विजन डॉक्यूमेंट-2030 लॉन्च किया.

नीति आयोग ने हरियाणा की पहचान सबसे अधिक सुधार करने वाले राज्य के रूप में की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने परिवार पहचान पत्र कार्यक्रम चलाया है. इस एक ही दस्तावेज के माध्यम से सरकार की अनेक योजनाओं और सेवाओं का लाभ घर द्वार पर ही मिलने लगा है. दूसरे राज्य भी परिवार पहचान पत्र का अनुसरण कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड ने इस पर काम शुरू कर दिया है.

पीपीपी के माध्यम से 44 हजार से अधिक बुजुर्गों को घर बैठे वृद्धावस्था सम्मान भत्ता का लाभ देने में सफल हुए हैं. इसके आलावा, 81 हजार दिव्यांगजनों को भी घर बैठे पेंशन प्रदान की गई है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में राज्य की कुल पानी की मांग 34,962.76 मिलियन क्यूबिक मीटर आंकी गई है, जबकि सभी संसाधनों से कुल जल की उपलब्धता 20,935,98 मिलियन क्यूबिक मीटर है. इसी लिए पानी की मांग और उपलब्धता के गैप को कम करने के लिए हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा एक एकीकृत जल योजना तैयार की गई है.

इसके तहत सभी 22 जिला स्तरीय जल संसाधन योजना समितियों ने निचले स्तर पर ब्लॉक स्तरीय योजना तैयार की है. अगले दो वर्षों में पानी की बचत करके पानी की मांग व आपूर्ति के अंतर को लगभग 49 प्रतिशत तक कम करना लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि अमृत सरोवर मिशन के तहत प्रदेश में 1312 तालाबों का काम पूरा हो चुका है और 981 तालाबों पर काम जारी है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button