कुल्लू जिले के युवाओं की आय का अच्छा जरिया बन रहा है जापानी फल
टीम एक्शन इंडिया/ कुल्लू/ श्याम कुल्वी
जिला कुल्लू में जहाँ सेब एक प्रमुख नकदी फ सल है वहीं अब जिले के कई प्रगतिशील किसान जापानी फ ल की पैदावर से अच्छी खासी आय अर्जित कर रहे हैं। कुल्लू में जापानी फ ल की खेती मध्यम ऊंचाई दो हजार से चार हजार फु ट वाले इलाकों में की जाती है। खासकर सिंचाई वाले इलाकों में जापानी फ ल की पैदावार बेहतर होती है। जापानी फ ल को अंग्रेजी में पर्सीमन कहते हैं। इसका वानस्पतिक नाम डायोसपायरोस काकी है। दुनिया भर में इसकी 400 से ज्यादा प्रजातियां हैं।
हालांकि, इसकी दो प्रजातियां-हचिया और फू यू बेहद लोकप्रिय हैं। लग घाटी के छुरला गाँव के गुरदेव ठाकुर का कहना है कि जापानी फ ल की खेती में कम लागत और रख-रखाव होता है। यहां पर शत-प्रतिशत लोग जापानी फल की बागवानी कर रहे है, पक्षियों द्वारा फ लों को पहुंचाए जाने वाले नुकसान से बचाव के लिये किसानों द्वारा जाली का प्रयोग किया जाता है। छुरला गांव मणि राम ठाकुर बताते है कि कुछ वर्षों पहले तक इसका कोई विशेष बाजार नहीं था और न ही अच्छे दाम मिलते थे। आज मंडियों में जापानी फ ल को बेहतर दाम मिल रहे हैं, जिससे बागवानों की आर्थिकी भी सुदृढ़ हो रही है। बाजार में जापानी फल को 40 से 85 रुपये के दाम मिल रहे हैं।