दिल्ली

गुरुओं की शहादत से प्ररेणा लें : जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल

करनाल/टीम एक्शन इंडिया। धर्मरक्षक सिखों के गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी महाराज का शहादत पर्व मनाया गया। जगह-जगह मीठे पानी की छबीलें लगाई गई। गुरुद्वारा डेरा कार सेवा में डेरा कारसेवा के प्रमुख पंथ प्रचारक बाबा जत्थेदार सुक्खा सिंह की देखरेख में गुरमति समागम का आयोजन किया गया। सुबह पांच बजे से तीन बजे तथा शाम साढ़े छह बजे तक समागम हुआ। इस अवसर पर बाहर से आए रागी ढाडी जत्थों ने गुरु की महिमा का बखान किया। इस अवसर पर अटूट लंगर बरता गया।
गुरुद्वारा डेरा कार सेवा के महासचिव जत्थेदार इंद्रपाल सिंह ने सिरौपा भेंट कर देश के जाने माने पंथ प्रचारक तथा एचएसजीपीसी के पूर्व प्रधान जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि गुरु अर्जुन देव जी ने मानवता की खातिर अपने जीवन की शहादत दी। उन्हें तपती रेत पर बिठाया गया। मुगल शासकों ने उन पर अत्याचार किए, लेकिन उन्होंने अपना रास्ता नहीं बदला।
उन्होंने कहा कि तानाशाह का कोई धर्म नहीं होता हैं। जब तक सत्ता धर्म के अधीन रहती है, धर्म, नैतिकता और मूल्यों के आधार पर राज करती है, तब तक खालिस लोगों का राज रहता है। उन्होंने कहा कि नियति धर्म और धार्मिक गुरुओं को कठपुतली बनाने वालों को सजा देती है।
इस अवसर पर श्री दरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी गुरुदित्त सिंह, पौंटा साहिब के हजूरी रागी भाई गुरप्रीत सिंह, भाई प्यारा सिंह, प्रचारक भाई कंवलजीत सिंह, गुरुद्वारा मंजी साहिब के हैड ग्रंथी भाई अमृतपाल सिंह, नित्तनेम भाई मंजूर सिंह, भाई गुरुप्रीत सिंह, ने गुरु की महिमा का गुणगान किया। स्टेज सेवा भाई दर्शन सिंह ने की।
इस अवसर पर गुरुद्वारा डेरा कार सेवा के महासचिव जत्थेदार इंद्रपाल सिंह ने सिरौपा भेंट कर समाजसेवी सुरेंद्र पाल सिंह रामगडिया, गगन मैहता तथा अन्य समाज और पंथ सेवकों को सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर गुलाब सिंह मूनक, इंद्रपाल सिंह, रतन सिंह, प्रधान बरिंदर सिंह, एपीएस चोपड़ा, गुरसेवक सिंह, जसविंदर सिंह बिल्ला, त्रिलोचन सिंह और अशोक खुराना आदि उपस्थित रहे।
बेअदबी रोकने के लिए सरकार बनाए कड़े कानून बनाए : दादूवाल
हरियाणा सिख गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान तथा पंथ प्रचारक जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को कठोर सजा देने के लिए कानूनों में परिवर्तन किया जाए। इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की तरह कानून बनाया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म के ग्रंथ की बेअदबी करना मानवता के खिलाफ अपराध है। इसे राकने के लिए सरकार को आगे अना चाहिए। उन्होंने कहा कि धार्मिक गुरुओं, महात्माओं को सरकार के हाथों की कठपुतली नहीं बनना चाहिए। इसके साथ सरकार को भी किसी भी धर्म के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को पंथ के साए में रहकर काम करना चाहिए। धर्म को अपना गुलाम नहीं बनाना चाहिए।
एक सवाल के जबाब में उन्होने कहा कि हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी लोगों की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी है। कमेटी में पदाधिकारियों के बीच तकरार खुलकर सामने आने लगी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के लिए संषर्ष करने वालों को सरकार ने हाशिए पर ला दिया। आज यही कारण है कि एचएसजीपीसी की बैठकें मजाक बनकर रह गई हैं। उन्होंने कहा क अनुभवहीन लोगों को कमेटी में बिठाना सिख समुदाय का अपमान है।

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