राजनीतिक

5 साल पहले महज 9 लाख, अब 18 करोड़ के मालिक, राजस्थान में कितने अमीर हुए विधायक

नई दिल्ली
राजस्थान में दोबारा चुनाव लड़ रहे 173 विधायकों में से 93 फीसदी की संपत्ति 2018 में जीत के बाद से औसतन 40 फीसदी बढ़ गई है। 2018 में इन विधायकों की औसत संपत्ति 7.10 करोड़ थी जो बढ़कर 9.97 करोड़ रुपए हो गई है। असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और राजस्थान इलेक्शन वॉच की एक नई रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा की 198 सीटों (2 पर स्थगित) पर वोटिंग होगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सत्ताधारी कांग्रेस घोषणा पत्र जारी कर चुकी हैं। कांग्रेस ने दोबारा सरकार बनने पर जातिगत सर्वे और फिर आबादी के आधार पर आरक्षण का वादा किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिलाओं, युवाओं और किसानों को ध्यान में रखकर कई वादे किए हैं और 'सात गारंटी' भी दी है। बीजेपी ने भी अपने संकल्पपत्र में किसानों, गरीबों पर फोकस रखा है और सरकार बनने पर बेहतर महिला सुरक्षा, शिक्षा सुविधा जैसे वादे किए हैं।  

एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे अधिक संपत्ति बीजेपी विधायक सिद्धि कुमारी की बढ़ी है, जो बीकानेर पूर्वी सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनकी संपत्ति में 97.61 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ। 2018 में उनकी संपत्ति 4.66 करोड़ रुए थी जो 2023 में 102.27 करोड़ हो गई। इस मामले में दूसरा नंबर कांग्रेस विधायक प्रमोद जैन का है। प्रमोद के पास 5 साल पहले 27.31 करोड़ की संपत्ति थी जो अब 29.17 करोड़ के इजाफे के बाद 56.49 करोड़ रुपए हो गई। कांग्रेस विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा की संपत्ति में तो 19,900% वृद्धि हुई। 5 साल पहले वह 9 लाख के मालिक थे जबकि अब 18 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की है।

भारत आदिवासी पार्टी से दोबारा चुनाव लड़ रहे विधायकों की संपत्ति में सबसे अधिक 9541.51 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इन विधायकों की संपत्ति औसतन एक लाख से बढ़कर 1.16 करोड़ हो गई। इनके बाद शिवसेना, सीपीआई (एम) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायकों की बारी है जिनकी संपत्ति में क्रमश: 346.01%, 217.94% और 184.12% की वृद्धि हुई।

 

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