नेपोटिज्म को सिरे से नकारते हैं करण जौहर
मुंबई
जेद्दा (सऊदी अरब) में आयोजित तीसरे रेड सी अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में करण जौहर ने स्वीकार किया कि उनके जीवन में कभी कोई प्रेम कहानी नहीं रही, पर उन्होंने अपनी अधिकांश फिल्मों में दर्शकों को प्रेम कहानियां ही सुनाई हैं। उन्हें सुनने के लिए जेद्दा के रेड सी माल के वोक्स सिनेमा में बड़ी संख्या में बॉलीवुड से बेइंतहा प्यार करने वाले दर्शक मौजूद थे, जिनमें सबसे ज्यादा पाकिस्तानी महिलाएं थीं, जिन्होंने करण जौहर की सभी फिल्में देख रखी थीं।
मिडिल ईस्ट के देशों में करण जौहर की फिल्मों की काफी लोकप्रियता है। करण ने कहा कि वे दो जुड़वां बच्चों के पिता हैं और अपनी 81 वर्षीय मां के साथ मिलकर उनका पालन पोषण कर रहे हैं। उन्होंने अपनी नई फिल्म ‘किल’ के बारे में कहा कि यह हिंदी सिनेमा के इतिहास में संभवत सबसे हिंसक फिल्म है जिसे एक साथ देखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा हूं। इसे खाली पेट मत देखिएगा नहीं तो फिल्म देखने के बाद खाना नहीं खा पाएंगे। इसी साल टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में इस फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर हुआ था और कहा जाता है कि वहां इसे बहुत पसंद किया गया। याद रहे कि करण जौहर ने गुनीत मोंगा के साथ इसे प्रोड्यूस किया है और निखिल नागेश भट्ट इसके निर्देशक हैं। ‘किल ’ में रांची से दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन पर एक लुटेरों का गैंग आधी रात को हमला करता है।
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स के दो कमांडो उनका मुकाबला करते हैं। फिर पूरी ट्रेन में जो हिंसा का तांडव होता है वह भयानक ही नहीं हृदयविदारक है। करण जौहर ने हिंदी सिनेमा में नेपोटिज्म (परिवारवाद) के सवाल पर हिंदी में जवाब देते हुए कहा कि इससे बड़ा झूठ कुछ हो ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए उनकी फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी ’ में जब उन्होंने आलिया भट्ट का आॅडिशन देखा तो पाया कि रानी की भूमिका के लिए वे सबसे बेस्ट थीं। उनके लिए यह बात मायने नहीं रखती कि वे किसकी बेटी (महेश भट्ट) है और किस परिवार से आई हैं। उन्होंने कहा कि अब तक वे करीब तीस से भी अधिक लोगों को फिल्मों में मौका दे चुके हैं। यह किस्मत की बात है कि किसी को चांस मिल जाता है और कोई इंतजार करता रहता है।