विधानसभा में बोले केजरीवाल- जब भी संकट आता है तो प्रधानमंत्री मोदी चुप्पी साध लेते हैं
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर मणिपुर में जातीय हिंसा पर ‘‘चुप रहने’’ का आरोप लगाया और कहा कि कम से कम वह ‘‘शांति की अपील’’ कर सकते थे। दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल ने कहा कि जब भी देश में संकट की स्थिति आती है तो प्रधानमंत्री ‘‘चुप्पी साध लेते हैं।’’
केजरीवाल ने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री पिता तुल्य हैं। उन्होंने मणिपुर की बेटियों से मुंह मोड़ लिया। आप अपने कमरे में बैठे रहे। पूरा देश प्रधानमंत्री की चुप्पी का कारण पूछ रहा है। यह पहली बार नहीं है कि वह चुप हैं। जब भी पिछले नौ वर्षों में संकट की स्थिति आई प्रधानमंत्री चुप्पी साधे रहे।’’ भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के हालिया विरोध के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि चैंपियन पहलवानों ने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया, लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे।
केजरीवाल ने कहा, ‘‘जब पहलवानों ने ओलंपिक में पदक जीते तो प्रधानमंत्री मोदी उनके साथ तस्वीरें खिंचवाने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने उनसे कहा था ‘तुम मेरी बेटी हो।’ लेकिन जब वे विरोध कर रहे थे, तो वह चुप रहे। कम से कम वह कह सकते थे ‘‘मैं यहां हूं। मैं इसकी जांच कराऊंगा और लोगों को सजा दिलाऊंगा।’’ केजरीवाल ने कहा कि महिला पहलवानों को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए उच्चतम न्यायालय जाना पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मणिपुर के मामले में, वह कम से कम शांति के लिए अपील जारी कर सकते थे।’’