राष्ट्रीय

केरल एडीएम आत्महत्या: माकपा नेता दिव्या की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

कन्नूर
केरल की एक अदालत ने मंगलवार को कन्नूर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट नवीन बाबू आत्महत्या मामले में माकपा नेता पीपी दिव्या की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। थालास्सेरी अदालत ने एक आदेश में कहा कि दिव्या की अग्रिम जमानत याचिका ‘अस्वीकार’ की जाती है। नवीन बाबू 15 अक्टूबर को अपने घर में फांसी के फंदे से लटके पाए गए थे। माकपा नेता दिव्या के खिलाफ उनकी तीखी टिप्पणियों के लिए 17 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया था और तब से वह फरार हैं।

दिव्या ने 14 अक्टूबर को एक भाषण के दौरान बाबू पर तंज कसते हुए कथित तौर पर भ्रष्टाचार पर कुछ टिप्पणी की थी, जिसके कारण अगले दिन बाबू ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।

पेशे से वकील बाबू के भाई ने मंगलवार को अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे खुश हैं कि दिव्या की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि अब अगर वह हाईकोर्ट जाती हैं तो हम उनके खिलाफ हलफनामा दाखिल करेंगे। हम कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, राजनीतिक लड़ाई नहीं। पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती थी, लेकिन गिरफ्तार नहीं कर पाई। हम केवल मामले में निष्पक्ष सुनवाई चाहते हैं।

बाबू की पत्नी ने दिव्या को अग्रिम जमानत देने से इनकार करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस को उसे गिरफ्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा, “मेरे पति की जांच और पोस्टमार्टम हमारे परिवार के सदस्यों के कन्नूर पहुंचने से पहले ही हो चुका था। मैं यह नहीं कह रही कि वह एक साफ-सुथरे अधिकारी थे, सिर्फ इसलिए कि वह मेरे पति हैं, लेकिन हर कोई जानता है कि वह कौन हैं। मैं भी उसी विभाग में एक अधिकारी हूं, इसलिए मुझे पता है कि वह कैसे काम करते थे।”

विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का कार्यालय आरोपियों को बचा रहा है। सतीशन ने कहा, “हर कोई जानता है कि आरोपी को विजयन के कार्यालय द्वारा संरक्षण दिया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में कानून-व्यवस्था चरमरा गई है। सरकार और माकपा आरोपियों को बची रही है।”

अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिव्या के वकील ने दलील दी कि जब उन्होंने बाबू के बारे में बात की थी तो उनका कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं था। वह सिर्फ भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सामान्य बयान दे रही थीं। अभियोजन पक्ष ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button