अन्य राज्यराजस्थान

खेत सिंह हत्या मामला: सांसद उम्मेदाराम बोले- दोषियों को मिले कठोर सजा

जोधपुर

बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल आज जोधपुर प्रवास पर रहे। सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि खेत सिंह की जिस तरीके से हत्या की गई, वह निंदनीय है। दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी घटना करने का दुस्साहस न करें।

उन्होंने कहा कि घटना के बाद जो हालात सामने आया, वह और भी निंदनीय है। जिला प्रशासन का रवैया बेहद निराशाजनक रहा और स्थिति को नियंत्रित करने में पूरी तरह असफल साबित हुआ। उससे भी अधिक निंदनीय यह रहा कि जिस तरह भाजपा नेताओं का वहां जमावड़ा होता गया और प्रशासन तमाशबीन बनकर स्थिति बिगड़ते देखता रहा। यह प्रशासन की 100% विफलता रही। घटना को तूल देने और सांप्रदायिक दंगे भड़काने की कोशिश की गई।

'प्रशासन मूकदर्शक बना रहा'
बेनीवाल ने कहा कि यह क्षेत्र हमेशा से शांतिप्रिय और आपसी भाईचारे का प्रतीक रहा है, लेकिन भाजपा ने जलती आग में घी डालने का काम किया। वहां जाकर भाजपा नेताओं ने जनता को भड़काया और अलग-अलग तरीके से दिए गए भाषणों से स्थिति और बिगड़ गई। परिणामस्वरूप लोगों के घर जला दिए गए, दुकानों को तोड़ दिया गया और उनमें आग लगा दी गई, जबकि प्रशासन मूकदर्शक बना रहा।

उन्होंने बताया कि समय रहते उन्होंने एसपी को कॉल किया। एसपी मौके पर पहुंच गए, लेकिन कलेक्टर भी वहां पहुंचे और उनकी मौजूदगी में ही स्थिति को जानबूझकर बिगाड़ा गया। मैंने आईजी साहब से बात की, वे मौके पर गए, लेकिन तब भी हालात नहीं संभले। आखिरकार मैंने फिर आईजी साहब से फोन कर स्थिति को नियंत्रित करवाया। उनकी निगरानी में ही मामला शांत हुआ।

'इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो'
सांसद बेनीवाल ने कहा कि हालात बिगड़ने के पीछे भाजपा का हाथ है। भाजपा ने भोली-भाली जनता को भड़काकर स्थिति को खराब किया। मैंने अधिकारियों से मांग की है कि सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। हत्या में शामिल लोगों के साथ-साथ जिन्होंने कानून अपने हाथ में लेकर स्थिति को बिगाड़ा, उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

'कोई भी कानून से ऊपर नहीं है'
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र हमेशा से भाईचारे का प्रतीक रहा है और यहां की स्थिति सामान्य बनी रहनी चाहिए। लेकिन भाजपा की राजनीति शुरू से ही लोगों को भड़काकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने की रही है। जब जिम्मेदार नेता ही जनता की भावनाओं से खिलवाड़ करें और उन्हें भड़काएं, तो यह बिल्कुल भी उचित नहीं है।

कानून सबके लिए है, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और कानून हाथ में लेना बिल्कुल गलत है। भाजपा एक तरफ "डबल इंजन की सरकार" की बात करती है, वहीं कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ती हैं। सबको कानून के दायरे में रहकर चलना चाहिए। मैं हमेशा शांति का पक्षधर रहा हूं। घटना के वक्त भी देखा गया कि राजनीतिक फायदे के लिए अशांति फैलाने की कोशिश की गई।

जानें क्या था डांगरी गांव यह चर्चित मामला
 जैसलमेर जिले का सीमावर्ती गांव डांगरी पिछले तीन दिनों से मानो युद्धक्षेत्र बना हुआ था। 2 सितंबर की रात पर्यावरण प्रेमी और किसान खेत सिंह की बेरहमी से हत्या के बाद गांव गुस्से और आक्रोश से सुलग उठा। गांव की गलियों से लेकर खेतों तक हर जगह मातम और गुस्से का माहौल था। हालात इस कदर बिगड़े कि प्रशासन को पूरे गांव को छावनी में तब्दील करना पड़ा। आखिरकार 48 घंटे की जद्दोजहद और कई दौर की वार्ता के बाद गुरुवार देर रात समझौता हुआ और शुक्रवार सुबह खेत सिंह की अंतिम यात्रा शांति के बीच निकली।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button