अन्य राज्यमध्य प्रदेश

जबलपुर जिले की मझौली तहसील में है वीरों का गांव खुड़ावल, जहां से निकलते है हर दूसरे घर से देश का रखवाला

जबलपुर
जबलपुर के मझौली ब्लाक का खुड़ावल गांव देशभक्ति की अनूठी मिसाल पेश करता है। इस गांव की मिट्टी में देशप्रेम इस कदर रचा-बसा है कि यहां लगभग हर दूसरे घर से एक युवा देश की रक्षा में प्रण-प्राण से जुटा है। 2019 में पुलवामा हमले में वीरगति को प्राप्त हुए सीआरपीएफ के जवान अश्विनी कुमार काछी भी इसी गांव के थे।

जवान का बलिदान आज भी युवाओं को प्रेरित करता है। अश्विनी का परिवार उनके बलिदान को यादकर रोजाना पूजता है। सेवानिवृत्त सैनिक युवाओं को देशभक्ति की प्रेरणा देते हैं और उन्हें राष्ट्र की रक्षा के लिए तैयार भी करते हैं।
 
गांव के तीन सपूत देश की रक्षा के लिए दे चुके हैं बलिदान
जिला मुख्यालय से 53 किलोमीटर दूर इस गांव के लोगों की रगों में देशभक्ति का जुनून इस कदर समाया है कि भारतीय सेना में होने वाली हर भर्ती में यहां का युवा अवश्य शामिल होता है। अब तक इस गांव के तीन सपूत देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दे चुके हैं। आज भी यहां के युवा सुबह-शाम सैन्य भर्ती के लिए गांव में पसीना बहाते देखे जा सकते हैं।
 
यहां की बेटियों में भी जज्बा कम नहीं
लगभग तीन हजार की आबादी वाले इस गांव में आज भी सेवानिवृत्त सैनिक युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण देकर देश सेवा के लिए तैयार करते हैं। वर्तमान में इस गांव के लगभग 50-55 युवा भारतीय सेना, सीआरपीएफ और अन्य सशस्त्र बलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

इतने ही सेवानिवृत्त वीर सपूत इस गांव में हैं। अब तो यहां की बेटियां भी देश की रक्षा के लिए आगे आने को आतुर हैं। ऐसी ही यहां कि बेटी पूजा पटैल है का हाल ही में सीआरपीएफ में चयन हुआ है। पहलगाम बाद देश में उमड़े आक्रोश ने खुड़ावल के हर व्यक्ति के मन में नया जोश भर दिया है। खुड़ावल वीर जवानों का गांव कहलाता है। उनकी याद में गांव में बलिदानी स्मारक भी बनवाया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button