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राजस्थान-जयपुर से अपहृत युवक को हिमाचल से छुड़ाया, आरोपियों तक फिल्मी स्टाइल में पहुंची पुलिस

जयपुर.

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि नाहरगढ़ थाना इलाके से अठारह अगस्त को अपहरण हुए युवक अनुज मीणा के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विरेन्द्र सिंह (40) निवासी डीग-भरतपुर हाल शाहगंज जिला आगरा (यूपी) हाल सोलन (हिमाचल प्रदेश), विनोद (26) निवासी कोतवाली डीग-भरतपुर,अमित कुमार (24) निवासी डीग-भरतपुर, जितेंद्र भंडारी (21) निवासी कठूमर जिला अलवर और एक महिला जमुना सरकार (36) निवासी सोलन (हिमाचल प्रदेश) को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार आरोपित विरेन्द्र सिंह सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उसने यूपी में एक काम शुरू किया था। जिसमें उसे भारी नुकसान हुआ था। इस नुकसान की भरपाई के लिए उसने अपहरण का प्लान बनाया था। इन लोगों का पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। जयपुर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अठारह अगस्त को अनुज मीणा (21) और सोनी सिंह चौहान (22) नाहरगढ़ पहाड़ पर घूमने गए थे। देर रात अनुज मीणा के पिता शिव लहरी मीणा ने बेटे को फोन कर घर लौटने के लिए कहा। अनुज ने साढ़े आठ बजे तक घर लौटने की बात कही। इसके बाद अनुज और सोनी सिंह चौहान का फोन बंद हो गया। इसके बाद नाहरगढ़ पहाड़ी पर रात साढ़े सात बजे कार सवार चार बदमाशों ने अनुज के कपड़े देखकर समझा उसे पैसे वाले का बेटा है। इस पर कार सवार बदमाशों ने अनुज और सोनी सिंह से मारपीट कर नशीली दवा सुंघाकर बेहोश कर दिया। फिर बदमाशों ने अनुज के मुंह पर पट्टी लगा कर कार में डालकर हिमाचल ले गए। घायल सोनी को मौके पर छोड़कर भाग निकले। सोनी को होश आया,तब उसने फोन कर परिवार और पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद पुलिस मौके पऱ पहुंची। पुलिस ने आधी रात तक नाहरगढ़ की पहाड़ियों में किसी अनहोनी को लेकर अनुज की तलाश शुरू की लेकिन नहीं मिला।
जयपुर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आरोपितों ने अपहरण के दो दिन बाद बीस अगस्त को अनुज के मोबाइल से उसके पिता के पास फोन आया। फोन करने वाले ने कहा बेटा उनके पास है। बीस लाख रुपए की व्यवस्था कर। बेटा जिंदा मिल जाएगा। अनुज के पिता शिव लहरी मीणा जयपुर में ऑटो चलाते हैं। बीस लाख रुपए की रकम सुनकर वह घबरा गए और पुलिस को सूचना दी गई। बदमाशों ने बीस अगस्त को पहला कॉल किया था, उसे पुलिस ने ट्रेस किया तो वह मथुरा का निकला। दूसरे दिन फिर से फोन आया। इसमें भी बीस लाख रुपए मांगे गए, यह कॉल देहरादून से आया था। तीसरा कॉल 22 अगस्त को आया, जो पंचकूला से आया था। इसमें कहा गया कि पैसा लेकर चंडीगढ़ आना है। 22 अगस्त को ही अनुज की मां और पुलिस की टीम पैसा लेकर रवाना हो गए। फिर बदमाशों कॉल आया कि वह इंतजार करे, जल्द बता दिया जाएगा कि कहां आना है। बदमाशों ने अगले दिन शिमला कालका रेलवे स्टेशन आने के लिए कहा।

ट्रेन की लास्ट बोगी में बैठने के लिए कहा
बता दें कि 23 अगस्त की सुबह ट्रेन में युवक की मां और पुलिस बैठ गई। इसके बाद बदमाशों ने धर्मपुर रेलवे स्टेशन के आसपास बैग फेंकने के लिए कहा। इस पर पहले से मौजूद पुलिस टीम को धर्मपुर स्टेशन पर वॉकी-टॉकी लेकर घूम रहे युवक पर शक होने पर उसे डिटेन कर पूछताछ की गई। इस पर आरोपित पुलिस को वहां लेकर गया, जहां अनुज को बंधक बना रखा था। जिस पर अपहरण हुए अनुज को मुक्त कराया और आरोपितों को पकड़ा।

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