शान है नाहन का लक्ष्मी नारायण मंदिर, आस्था का है केंद्र
एसपी जैरथ
नाहन: जिला सिरमौर के मुख्यालय नाहन की ऊपरली टोली में स्थित भगवान लक्ष्मी नारायण मंदिर असंख्य श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यह मन्दिर सिरमौर रियासत की अति प्राचीन समृद्ध संस्कृति एवं गौरवशाली इतिहास को समेटे हुए है ।इस मंदिर की स्थापना सिरमौर रियासत के पैंतिसवें शासक महाराजा भूप प्रकाश उर्फ भीम प्रकाश द्वारा सन् 1703 से 1713 के बीच करवाई गई।
1807 में गोरखा शासकों के हस्तक्षेप के समय गोरखा जरनैल अमर सिंह थापा के आदेशानुसार उनके पुत्र रणजोर थापा द्वारा 1809 से 1815 के बीच इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया। मन्दिर में मध्य में भगवान लक्ष्मी नारायण उत्तर दिशा में भगवान राम, जानकी माता, लक्ष्मण, दक्षिण कोण में मां भवानी, श्री राम दूत हनुमान, उत्तर कोण में भगवान भोले नाथ शिवलिंग रूप में विराजमान हैं।
यह मन्दिर सिरमौर रियासत के प्राचीन स्वर्णिम गौरवशाली इतिहास का साक्षी रहा है। यहां से भगवान लक्ष्मी नारायण जी की पालकी हर वर्ष गोवर्धन पूजा के दिन भव्य आयोजन के साथ राजमहल जाती थी तथा वहां भगवान लक्ष्मी नारायण जी की भव्य पूजा की जाती थी।
यह परम्परा सिरमौर रियासत के अन्तिम प्रशासक महाराजा राजेन्द्र प्रकाश के निधन 1962 तक जारी रही।हर वर्ष वामन द्वादशी के पावन अवसर पर भगवान लक्ष्मी नारायण जी की पालकी अन्य देवताओं के साथ शहर परिक्रमा तथा पक्का तालाब में नौका विहार करती है।
वर्तमान में इस मंदिर के रखरखाव के लिए राजीव बंसल की अध्यक्षता में प्रबुद्ध नागरिकों व समाज सेवियों ने समिति का गठन किया गया है। हर महीने विशेष अवसरों का यहां भव्य आयोजन किया जाता है। हर पूर्णिमा को यहां श्री सत्यनारायण व्रत कथा का आयोजन किया जाता है।