अन्तर्राष्ट्रीय

टेक्सास में गर्भपात की मांग करने वाली महिला पर कानूनी शिकंजा कसा

टेक्सास में गर्भपात की मांग करने वाली महिला पर कानूनी शिकंजा कसा

ह्यूस्टन
 टेक्सास के सुप्रीम कोर्ट ने गर्भावस्था संबंधी कठिनतम जटिलाओं का सामना करने वालीं डलास क्षेत्र की 31 वर्षीय केट कॉक्स पर सोमवार को शिकंजा कस दिया। कॉक्स को कुछ दिन पहले निचली अदालत ने गर्भपात कराने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी थी।

अमेरिका के प्रमुख अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार केट कॉक्स ने गर्भपात की सुविधा के लिए टेक्सास राज्य पर मुकदमा दायर किया था। इसके बाद गर्भपात कराने के लिए राज्य छोड़ दिया। उल्लेखनीय है कि टैक्सास में गर्भपात पर प्रतिबंध है।

अखबार के अनुसार सेंटर फॉर रिप्रोडक्टिव राइट्स की अध्यक्ष और सीईओ नैन्सी नॉर्थअप ने कहा है कि कानूनी अड़चन का पिछला सप्ताह केट के लिए नारकीय रहा है। उसने गर्भपात के लिए कहां की यात्रा की। इसका विवरण सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महिला के वकील और डॉक्टर यह साबित नहीं कर सके केट कॉक्स टेक्सास के गर्भपात प्रतिबंध के तहत गर्भपात के लिए योग्य थी।

द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार पिछले सप्ताह टेक्सास जिला अदालत में दायर याचिका के अनुसार, नवंबर के अंत में 20 सप्ताह की गर्भवती कॉक्स को अपनी गर्भावस्था की जटिलता की जानकारी मिली। उसे पता चला कि भ्रूण में ट्राइसॉमी 18 या एडवर्ड्स सिंड्रोम है। ऐसे भ्रूण अकसर जन्म से पहले या उसके ठीक बाद मर जाते हैं। उल्लेखनीय है कि केट के दो संतान पहले से हैं। दोनों संतान सीजेरियन प्रक्रिया से जन्मे हैं।

 

डोनाल्ड टस्क होंगे पोलैंड के नए प्रधानमंत्री
वारसॉ

 पोलैंड की संसद ने मध्यमार्गी पार्टी के नेता डोनाल्ड टस्क को प्रधानमंत्री के रूप में चुन लिया। इसी के साथ आठ साल पुराने राष्ट्रीय रूढ़िवादी शासन के बाद यूरोपीय संघ समर्थक नई सरकार का मार्ग प्रशस्त हो गया।

 टस्क को राष्ट्रीय चुनाव के लगभग दो महीने बाद प्रधानमंत्री चुना गया। यह वामपंथी से लेकर उदारवादी रूढ़िवादी पार्टियों तक जीत है। इस पोर्टल के मुताबिक प्रधानमंत्री माट्यूज मोराविकी के संसद में विश्वास मत हारने के बाद हुए मतदान में टस्क के पक्ष में 248 पड़े। 201 सांसदों ने उनके विरोध में वोट किया। पोलैंड में 15 अक्टूबर को हुए आम चुनाव में विपक्षी दलों के गठबंधन ने जीत हासिल की थी।

सदन का नेता चुने के बाद टस्क ने अपने संबोधन में कहा, ‘मैं पोलिश लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं। धन्यवाद पोलैंड, यह एक महान दिन है, मेरे लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए जो इतने लंबे वर्षों तक गहराई से विश्वास करते रहे कि यह अभी भी बेहतर होगा, कि हम अंधेरे को दूर भगाएंगे, बुराई को दूर भगाएंगे।’ पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा के कार्यालय ने कहा कि वह बुधवार सुबह तक नई सरकार को शपथ दिलाने के लिए तैयार होंगे।

बान की मून, तीन राजनयिक संरा में 'दिवाली पावर ऑफ वन' पुरस्कार से सम्मानित

संयुक्त राष्ट्र
 संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की-मून और तीन अनुभवी राजनयिकों को ''सभी के लिए एक अधिक परिपूर्ण, शांतिपूर्ण और सुरक्षित दुनिया'' बनाने में उनके निस्वार्थ प्रयासों के लिए वार्षिक 'दिवाली पावर ऑफ वन अवार्ड्स' से सम्मानित किया गया है।

इस पुरस्कार को ‘कूटनीति का ऑस्कर’ कहा जाता है।

संयुक्त राष्ट्र के पूर्व प्रमुख को 'दिवाली फाउंडेशन यूएसए' द्वारा आयोजित '2023 दिवाली स्टैम्प – द पावर ऑफ वन अवार्ड' समारोह में 'लाइफटाइम अचीवमेंट' पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

वर्ष 2023 के लिए अन्य पुरस्कार विजेताओं में संयुक्त राष्ट्र में बोस्निया एवं हर्जेगोविना की पूर्व स्थायी प्रतिनिधि मिरसादा कोलाकोविक, संयुक्त राष्ट्र में दक्षिण कोरिया की पूर्व स्थायी प्रतिनिधि किम सूक और 72वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष और बेलग्रेड-प्रिस्टिना संवाद के लिए यूरोपीय संघ के विशेष प्रतिनिधि मिरोस्लाव लाजकक शामिल हैं।

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सोमवार को आयोजित एक विशेष समारोह में उन्हें सम्मानित किया गया।

बान ने दुनिया में बढ़ रहे अंधेरे में प्रकाश फैलाने के लिए 'दिवाली फाउंडेशन यूएसए' के काम और दूरदर्शी दृष्टिकोण की सराहना की।

उन्होंने कोविड-19 महामारी, जलवायु संकट और क्षेत्रीय संघर्षों का हवाला देते हुए दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों का जिक्र किया।

बान संयुक्त राष्ट्र के आठवें महासचिव थे। उन्होंने जनवरी 2007 से दिसंबर 2016 तक दुनिया के शीर्ष राजनयिक के रूप में दो कार्यकाल तक सेवा दी।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र के राजनयिकों, दूतों और नीति विशेषज्ञों की मौजूदगी वाले इस कार्यक्रम में कहा कि दिवाली एक ऐसा उत्सव है जो दुनियाभर में एक अरब से भी अधिक भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है।

उन्होंने कहा, दिवाली "सिर्फ एक त्योहार से कहीं अधिक है। यह एक ऐसी भावना है जो अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा की विजय का प्रतीक है।"

 

 

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