पर्यावरण को हरा-भरा और शुद्ध बनाने में जुटी नन्हीं बच्चियां

मेरठ । एएनएन (Action News Network)
पर्यावरण को हरा-भरा और शुद्ध बनाने के लिए मेरठ की दो नन्ही बच्चियां अपने माता-पिता के साथ अभियान में जुटी हैं। वातावरण में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधारोपण कर रही हैं तो लोगों को तुलसी पौधे बांटकर पर्यावरण की शुद्धता में भी अपना योगदान दे रही हैं। पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर केडी फाउंडेशन के बैनर तले दोनों बच्चियां अपने अभियान की शुरूआत करेंगी। शास्त्रीनगर निवासी दो नन्हीं बच्चियां आद्या रस्तोगी और काव्या रस्तोगी हरियाली के प्रति समर्पित है। वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर अपनी दादी कांति देवी के नाम पर बनी संस्था कांति देवी फाउंडेशन (केडीएफ) के बैनर तले दोनों बच्चियां अभियान शुरू करेगी। बच्चियों के पिता विभूति रस्तोगी ने बताया कि उनकी माता पर्यावरण को लेकर समर्पित थी। प्रत्येक वर्ष वह सैकड़ों पौधों का रोपण करती थी। उनके निधन के बाद केडी फांउडेशन संस्था प्रत्येक वर्ष पौधरोपण करती है।
साढ़े सात हजार पौधों को रोपा गया
केडीएफ की अध्यक्ष हिना रस्तोगी ने बताया कि काव्या और आद्या ने पिछले वर्ष साढ़े सात हजार पौधों का रोपण किया। इसके लिए उन्होंने स्कूलों के मैदान, पार्कों का चयन किया। इस कारण दोनों बच्चियों को ग्रीन गर्ल के नाम से जाना जाता है। इन पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी भी संबंधित स्कूल प्रबंधन की रहती है। जबकि पार्कों में लगे पौधों की देखभाल काॅलोनियों की आरडब्ल्यूए करती है। समय-समय पर दोनों बच्चियां भी इन पौधों की देखभाल करती है। उनका विश्वास है कि अगर पौधरोपण अभियान से सभी लोग जुड़ जाए तो धरती पर हरियाली ही हरियाली होगी।
10 हजार तुलसी पौधों का किया वितरण
केडीएफ ने ’घर-घर तुलसी’ अभियान के अंतर्गत लगभग दस हजार तुलसी पौधों का वितरण किया। इसके लिए स्कूल प्रबंधकों का सहयोग लिया गया। लोगों को घर-घर जाकर तुलसी के पौधे बांटें गए। इसमें व्यापारी संगठनों, सामाजिक संगठनों की सहायता से तुलसी पौधे बांटे गए। विभूति रस्तोगी ने बताया कि तुलसी एक औषधीय पौधा है। सनातन धर्म में तुलसी की बहुत महत्ता है। इसलिए प्रत्येक घर में तुलसी पौधा होना अनिवार्य है। इससे वातावरण तो शुद्ध होता ही है, मनुष्यों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी तुलसी लाभकारी है। कोरोना से बचाव में तुलसी के पत्ते महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
पर्यावरण रक्षक थैले का किया वितरण
केडीएफ का अभियान यही पर नहीं रुका, बल्कि जब प्रदेश सरकार ने पाॅलीथिन के प्रयोग पर रोक लगा दी तो केडीएफ ने जोर-शोर से इस अभियान को चलाया। प्लास्टिक के थैले के स्थान पर केडीएफ ने कपड़े से बने हुए थैले बनवाए और उनका निःशुल्क वितरण किया। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी यह थैले भेंट किए गए। मेरठ महानगर में ही केडीएफ ने लगभग पांच हजार थैलों का वितरण किया।
पांच जून से अक्टूबर तक चलेगा अभियान
केडीएफ पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर अपने पौधरोपण व तुलसी वितरण अभियान की शुरुआत करेगा। पांच जून से चलकर यह अभियान अक्टूबर महीने तक जारी रहेगी। इस बार 15 हजार तुलसी पौधों का वितरण और दस हजार पौधों का रोपण करने का लक्ष्य रखा गया है।
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