लॉकडाउन के चलते लोगों को घरों में रहकर ही मनाना पड़ेगा बैसाखी का त्योहार
जम्मू। एएनएन (Action News Network)
कोरोना वायरस की महामारी के चलते जारी लॉकडाउन के कारण लोगों को इस बार बैसाखी का त्योहार घरों में रहकर ही मनाना पड़ेगा। इस साल बैसाखी पर्व 13 अप्रैल को मनाया जायेगा। ढोल-नगाड़ों की थाप पर इस दिन लगने वाले मेले भी नहीं लगेंगें। इस बारे में अपने विचार प्रकट करते हुए शनिवार को रामगढ़ के एक किसान सुरेश कुमार ने कहा कि वह बैसाखी पर क्षेत्र के अन्य किसानों के साथ मिलकर ढोल नगाड़ों के साथ विजयपुर में लगने वाले मेले में भांगड़ा करके खुशी का इजहार करते थे।
इसके अलावा किसानों सहित अधिकांश लोग बैसाखी के त्योहार पर लगने वाले मेलों में किसानों द्वारा निकाले गए भांगड़ों को देखने के लिए आते थे।वहीं आर.एस. पुरा के किसान देव राज ने बताया कि हर साल वह बैसाखी के त्योहार के लिए निकाले जाने वाले भांगड़े की तैयारी जोरशोर से करते थे। लेकिन इस बार कोरोना वायरस का असर बैसाखी त्योहार पर भी देखने को मिलेगा और लोगों को अपने घरों में रहकर ही यह त्योहार मनाना पड़ेगा। संभाग के सभी जिला और तहसील मुख्यालयों सहित प्रमुख कस्बों में इस राष्ट्रीय त्योहार को पूरे जोरशोर के साथ मनाया जाता था। इसे खेती का पर्व भी कहा जाता है और किसान इसे बड़े आनंद और उत्साह के साथ मनाते हुए खुशियों का इजहार करते हैं।
कोरोनो वायरस की महामारी और लॉकडाउन के चलते इस दिन लगने वाले मेले इस बार देखने को न हीं मिलेंगें। वहीं, सिखों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह जी ने बैसाखी के दिन ही आनंदपुर साहिब में वर्ष 1699 में खालसा पंथ की नींव रखी थी। इसलिए इस त्योहार को मनाने के आध्यात्मिक कारण भी हैं। वहीं अखनूर के किसान राज सिंह ने बताया कि अखनूर में इस दिन हर साल चंद्रभागा नदी के किनारे बड़ा मेला लगता था यहां पर तत्कालीन जम्मू व कश्मीर राज्य के संस्थापक महाराजा गुलाब सिंह का राजतिलक हुआ था।
उन्होंने कहा कि किसान इस दिन मेले में भांगड़े डालकर खेतों में खड़ी फसल पर हर्षाेल्लास प्रकट करते थे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा क्योंकि लॉकडाउन के कारण किसानों की चिंताएं फसल की कटाई को लेकर बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन लोग चंद्रभाग नदी में स्नान करने का महात्म भी मानते हैं और सुबह नदी में स्नान करते थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। ऐसे ही जम्मू में रणबीर नहर पर राजेन्द्र पार्क में लगने वाला मेला भी नहीं लग पायेगा। इस तरह से लोगों को इस बार बैसाखी का त्योहार घरों में रहकर ही मनाना पड़ेगा।