
पति को खोया, बेटे को मायके में पाला – अब हरियाणा की बेटी बनीं राजस्थान में DSP
नारनौल
हरियाणा के नारनौल की रहने वाली अंजू यादव ने राजस्थान पुलिस में DSP भर्ती होकर अपने परिवार और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। जयपुर स्थित राजस्थान पुलिस अकादमी में आयोजित 55वें बैच के दीक्षांत परेड समारोह में 37 वर्षीय अंजू यादव ने राजस्थान पुलिस सेवा में हुआ चयन।
अंजू ने ये मुकाम यूं ही हासिल नहीं किया। मुश्किल परिस्थितियों का लगातार सामना कर वह यहां तक पहुंचीं। करीब चार साल पहले पति को खोने के बाद भी उन्होंने हौसला नहीं टूटने दिया और लगातार मेहनत करती रहीं।वे मूल रूप से नारनौल के गांव धौलेड़ा की रहने वाली हैं। उनकी शादी अलवर जिले की बहरोड़ तहसील के गंडाला गांव में हुई थी। उन्होंने अपने समर्पण और संघर्ष से न केवल अपने परिवार, बल्कि हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों का नाम रोशन किया है।
स्कूली शिक्षा से कॉलेज तक का सफर :
अंजू चार बहनों में सबसे बड़ी हैं। उन्होंने अपने गांव धोलेड़ा के राजकीय स्कूल से बाहरवीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद डिस्टेंस लर्निंग से स्नातक की पढ़ाई की तथा नारनौल के गवर्नमेंट कॉलेज आफ एजुकेशन से बीएड की पढ़ाई की।
छोटी उम्र में हो गई थी शादी :
अंजू यादव की कहानी बड़ी संघर्ष भरी है। अंजू की शादी छोटी उम्र में ही 2009 में हो गई थी। जिसके बाद 2012 में उसके बेटा हुआ। वहीं 2021 में उनके पति का बीमारी के चलते देहांत हो गया।
सरकारी जॉब लगने वाली पहली महिला :
अंजू ने बताया कि वे मायका व ससुराल में सरकारी नौकरी लगने वाली पहली महिला हैं। वे शुरू में मध्यप्रदेश के भिंड में 2016 से 18 तक जवाहर नवोदय विद्यालय में टीचर लगी। इसके बाद वे 2019 तक राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल जयपुर में टीचर लगी।
5 साल दिल्ली में सरकारी टीचर रहीं :
अंजू के मुताबिक 2019 से 2024 तक वह दिल्ली में सरकारी टीचर रहीं। 27 मई 2024 में उन्होंने DSP जयपुर ज्वाइन किया। उन्होंने बताया कि आरपीएस बनने के लिए 2021 में वैकेंसी निकली थी।
2022 में हुई परीक्षा, एक साल बाद इंटरव्यू :
इसके बाद 2022 में मुख्य परीक्षा हुई। 2023 में इंटरव्यू हुआ। रिजल्ट भी 2023 में ही आ गया था। इसे बाद उसने मई 2024 DSP पद पर ज्वाइन किया था। 47 माह की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद बीते कल दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया।
47 माह लिया प्रशिक्षण :
राजस्थान पुलिस अकादमी में आरपीएस अधिकारियों को लगभग 47 सप्ताह का गहन प्रशिक्षण दिया जाता है। इस दौरान कानून व्यवस्था, पुलिसिंग के कानूनी पहलुओं, साइबर क्राइम, फोरेंसिक साइंस, क्रिमिनोलॉजी और सॉफ्ट स्किल्स पर विशेष ध्यान दिया जाता है। साथ ही देश की प्रमुख पुलिस अकादमी भोपाल, गांधीनगर और अहमदाबाद के शैक्षिक दौरे भी कराए गए।
दीक्षांत परेड समारोह में ली शपथ :
दीक्षांत परेड समारोह में अंजू यादव ने मंच पर शपथ ग्रहण करते हुए देश और समाज की सेवा के प्रति निष्ठा व समर्पण का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि पुलिस सेवा उनके लिए केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि जनता की सुरक्षा और न्याय दिलाने का दायित्व है।
पिता की वो बात, जिससे अंजू को हमेशा मिली प्रेरणा… अंजू यादव ने बताया कि मेरे प्रेरणा स्त्रोत मेरे पिता लालाराम है। अशिक्षित होते हुए भी उन्होंने मुझे पढ़ाया, समाज के ताने सहे और मेरे बेटे को उन्होंने ही पाला। मुझे अपने पास रखा। पिता की एक लाइन 'काला सिर का आदमी कुछ भी कर सकता है', ने हमेशा बहुत प्रेरित किया। इसका मतलब है अगर इंसान सोच ले तो कुछ भी असंभव नहीं है। हमेशा उनको मेहनत करते हुए देखा और प्रेरणा मिली। वो इस उम्र में हार नहीं मान सकते तो मैं कैसे मान सकती हूं। मेरी बहनों ने बेटे का और मेरा ध्यान रखा। मां ने बेटे को अपने बेटे की तरह पाला। मेरे बेटे मुकुल दीप ने भी मुझे बहुत प्रेरित किया। वह मेरे बिना रहा। जब भी उसको देखती, तो लगता कुछ करना है। इनके बिना जीवन की कल्पना असंभव है।