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मध्यप्रदेश कपड़ा उद्योग निवेश का प्रमुख केंद्र : सीआईआई
भोपाल
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट – भोपाल में सीआईआई की टेक्सटाइल्स एंड अपैरल की राष्ट्रीय समिति की बैठक में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश को कपड़ा उद्योग के निवेश के लिए एक प्रमुख केंद्र बताया। समिति के अध्यक्ष श्री कुलिन लालभाई ने कहा कि मध्यप्रदेश अपनी भौगोलिक स्थिति, बेहतर लॉजिस्टिक्स और निवेश अनुकूल नीतियों के कारण कपड़ा और परिधान उद्योग के लिए प्रतिस्पर्धात्मक रूप से किफायती राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विशेष प्रयासों से कपड़ा उद्योग को बढ़ावा मिल रहा है। श्रम-प्रधान क्षेत्र होने से इसमें बड़े पैमाने पर रोज़गार सृजन होता है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहाँ "पीएम मित्र पार्क" मूर्त रूप लेगा। राज्य सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव टेक्सटाइल उद्योग की सहायता के लिये संवेदनशील हैं। उन्होंने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये हर स्तर से सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
मध्यप्रदेश में कपड़ा उद्योग के लिए असीम संभावनाएँ
बैठक में उपस्थित औद्योगिक विशेषज्ञों और सीआईआई प्रतिनिधियों ने कहा कि मध्यप्रदेश छोटे और बड़े स्तर के टेक्सटाइल निवेश के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार उद्योगों के विकास के लिए हरसंभव सहयोग देगी। मध्यप्रदेश ने खुद को फार्म-टू-फाइबर, फाइबर-टू-फैब्रिक, फैब्रिक-टू-फैशन, और फैशन-टू-फॉरेन के विजन को दृष्टिगत रखते हुए कपड़ा उद्योग की पूरी मूल्य श्रृंखला के लिए एक आदर्श स्थान के रूप में स्थापित किया है।
अब टियर-2 और टियर-3 शहरों की ओर बढ़ने का समय
औद्योगिक प्रतिनिधियों ने कहा कि अब टियर-2 और टियर-3 शहरों की ओर बढ़ने का समय है, जहाँ नीतिगत लाभों का अधिकतम उपयोग किया जा सकता है। वैश्विक बाजार में भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, क्योंकि चीन, वियतनाम और बांग्लादेश के बाद अब दुनिया भारत की ओर देख रही है। हमें इस अवसर का शत प्रतिशत लाभ लेना होगा ताकि भारतीय कपड़ा उद्योग ग्लोबल ब्रांड बन सके।
मध्यप्रदेश के विश्व स्तरीय संस्थान उपलब्ध कराते हैं कुशल मानव संसाधन
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनआईएफटी) के लेफ्टिनेंट कर्नल आशीष अग्रवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश में विश्व स्तरीय संस्थान हैं जो कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराते हैं। उद्योगों की मांग के अनुसार पाठ्यक्रम में बदलाव किए जा रहे हैं ताकि औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में फैशन उद्योग का ट्रेंड सेटर बनेगा, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और तकनीकी विशेषज्ञता का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
बैठक में पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) और टेक्नोलॉजी मिशन ऑन कॉटन (टीएमसी) फेज-3 के तहत मिलने वाले केन्द्रीय प्रोत्साहनों पर भी चर्चा हुई। इससे उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। साथ ही उद्योग को लागत प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकेगा। उद्योग प्रतिनिधियों ने सतत विकास और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी अपनाने पर बल दिया। बैठक में सीआईआई की टेक्सटाइल्स एंड अपैरल की राष्ट्रीय समिति के सदस्य सहित वस्त्र एवं कपड़ा उद्योग इकाइयों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।