महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और राकांपा नेता छगन भुजबल ने लोकसभा चुनाव से हटने की घोषणा की
नासिक
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता छगन भुजबल ने लोकसभा चुनाव से हटने की घोषणा की है। भुजबल ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा, ''मैं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा।'' छगन भुजबल के नासिक लोकसभा सीट से राकांपा के उम्मीदवार होने की संभावना थी। भुजबल ने घोषणा करते कहा, ''बहुत अधिक समय बीत चुका है। अब और देरी से सीट पर महायुति की संभावनाओं पर असर पड़ेगा।''
छगन भुजबल ने ने कहा कि वह नासिक लोकसभा क्षेत्र से अपना नाम वापस ले रहे हैं। प्रत्याशियों की घोषणा में काफी देरी हो रही है। इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है और महागठबंधन को नुकसान हो सकता है। छगन भुजबल ने कहा, "मुझ पर भरोसा करने और नासिक लोकसभा क्षेत्र के लिए मेरा नाम सुझाने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बहुत आभारी हूं।" उन्होंने कहा, "प्रत्याशी की घोषणा में देरी हो रही है। इससे महागठबंधन को भी नुकसान हो सकता है। इसलिए फैसला तुरंत लिया जाना चाहिए।"
छगन भुजबल ने महायुति को भी सलाह दी है कि किसी भी पार्टी को सीट दें, लेकिन उम्मीदवारी की घोषणा जल्दी कर दें। छगन भुजबल ने ऐलान किया कि यह भ्रम जल्द दूर हो, इसलिए मैं आज उम्मीदवार के मुद्दे से हट गया हूं। भुजबल ने चुनाव से हटने की घोषणा ऐसे समय में की है जब महाराष्ट्र के सत्ताधारी महायुति गठबंधन में नासिक सीट का झगड़ा अभी भी नहीं सुलझा है। इस सीट पर शिवसेना (शिंदे ग्रुप) और एनसीपी (अजित पवार ग्रुप), दोनों ने दावा किया है। वहीं छगन भुजबल ने कहा है कि महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है और उनका प्रचार भी शुरू हो गया है। उद्धव ठाकरे गुट ने सिन्नर के पूर्व विधायक राजाभाऊ वाजे की उम्मीदवारी की घोषणा की है।
भुजबल ने कहा, "महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत हुई। उस समय हमारी पार्टी के नेता अजित पवार ने नासिक लोकसभा क्षेत्र की मांग की थी। अजित पवार ने कहा था कि हमारे पूर्व सांसद समीर भुजबल यहां से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, शाह ने इस बात पर जोर दिया कि छगन भुजबल को वहां से चुनाव लड़ना चाहिए।" छगन भुजबल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जब हमने नासिक से टेस्ट किया तो सकारात्मक नतीजे देखने को मिले।
महाराष्ट्र में महायुति के सहयोगी दलों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल है। इन तीनों दलों के बीच अभी तक कई सीटों पर टिकट बंटवारे पर सहमति नहीं बनी है, लेकिन शिवसेना में टिकट पाने की उम्मीद कर रहे नेताओं ने खुद के नामांकन को लेकर जारी अनिश्चितता के बावजूद अपना अभियान शुरू कर दिया है। राज्य की 48 सीट पर 19 अप्रैल से 20 मई के बीच पांच चरणों में मतदान होगा।