मार्क जुकरबर्ग को भारी पड़ गई भूल, अब भरना होगा 10,765 करोड़
फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा को सबसे बड़ा झटका लगा है। खबर आ रही है कि यूजर्स के डेटा के साथ खिलवाड़ करने की भूल मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) पर भारी पड़ गई है। दिग्गज अमेरिकी कंपनी पर यूरोपियन यूनियन ने सबसे बड़ा जुर्माना लगा दिया है। यह करीब 10,765 करोड़ रुपए का जुर्माना है। यह जुर्माना कंपनी के उस एक्टिविटी पर की गई है, जिसमें वह यूजर्स के पर्सनल डेटा अमेरिका ट्रांसफर करती है। डेटा रेगुलेटर्स की ओर से कहा गया है कि यूजर्स की पर्सनल डिटेल्स को अमेरिकी सिक्योरिटी सर्विसेज की नजरों से बचाकर रखने में मेटा (Meta) पूरी तरह नाकाम हुई है। इसे रोकने के लिए सोशल मीडिया कंपनी को डेडलाइन भी दे दी गई है।
Meta को यूजर्स की परवाह नहीं
आयरलैंड के डेटा प्रोटेक्शन कमीशन की तरफ से कहा गाय है कि मेटा ने यूजर्स के मूल अधिकारों और उनकी आजादी की परवाह न करते हुए अटलांटिक तक डेटा ट्रांसफर किया है। जुर्माना तो कंपनी पर लगाया ही गया है, साथ ही एक डेडलाइन भी दी गई है, जिसमें डेटा के गैरकानूनी इस्तेमाल को रोकना ही पड़ेगा। ईयू रेगुलेटर्स की ओर से मेटा को अमेरिका में पर्सनल डेटा ट्रांसफर को रोकने के लिए 5 महीने और अमेरिका को अब तक ट्रांसफर किए गए डेटा को अवैध तरीके से स्टोर रोकने और प्रोसेसिंग बंद करने के लिए 6 महीने की डेडलाइन दी गई है।
मेटा अब क्या करेगी
फेसबुक की तरफ से ईयू के फैसले पर हैरानी जताई गई है। इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी की तरफ से कहा गया है कि वे इस ऑर्डर के खिलाफ अपील करेंगे ताकि तुरंत यह ऑर्डर सस्पेंड कराने की कोशिश हो सके। मेटा का कहना है कि इस एक्शन का असर फेसबुक के लाखों यूजर्स पर पड़ेगा, जो रोजाना इसका यूज करते हैं।
फेसबुक की पैरेंट कंपनी पर पहले भी एक्शन
बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब मेटा पर इस तरह का एक्शन लिया गया है। इसी साल जनवरी में भी मेटा के इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वाट्सऐप पर EU संघ की तरफ से डेटा सिक्योरिटी नियमों की अनदेखी और उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। तब आयरलैंड के रेगुलेटर ने मेटा पर 5.5 मिलियन यूरो यानी करीब 47.8 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था।