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स्कूल चलें हम अभियान के तहत मंत्री सुश्री भूरिया पहुँची सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय, कहा- सफलता शार्ट-कट से नहीं मेहनत से मिलती है

भोपाल
महिला बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने 'स्कूल चलें हम अभियान' के तहत स्कूली बच्चों से मिलने और उनसे संवाद करने भोपाल के सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय पहुँची। उन्होंने दसवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थियों की कक्षा पहुँचकर उनसे बातचीत की। इस दौरान विद्यार्थियों ने उनसे प्रश्न भी पूछे।

दसवीं कक्षा कि लावण्या ने पूछा कि वो समाज सेवा का कार्य करना चाहती है, क्या करना चाहिए। मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि कोई भी काम किसी भी क्षेत्र से संबंधित हो उसको करने के ‍लिए सबसे पहले स्वयं की रूचि होनी चाहिए। शार्टकट से सफलता नहीं मिलती। कड़ी मेहनत और लगन से कठिन से कठिन कार्य में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन के सफर में कई कठिन रास्तों से गुजरना पडता है, कई दिक्कतों का सामना करना पडता है, पर अगर हम जुनून के साथ उस कार्य को पूरा करने का निश्चय करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी। सुश्री भूरिया ने कहा कि सफलता में मेहनत और धैर्य दो सबसे महत्वपूर्ण अंग है। सफलता की राह में आपका आपके परिवार, शिक्षक और समाज के साथ व्यवहार बड़ी पूंजी होती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि ज्यादा समय अपने मोबाइल में बर्बाद नहीं करें। किताबों को ज्यादा पढ़ें।

छात्र पीयूष ने सवाल किया कि आंगनबाड़ी में आने वाले छोटी उम्र के बच्चों में कैसे कम्यूनीकेशन स्किल विकसित कर सकते हैं। सुश्री भूरिया ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में छोटे बच्चे ना सिर्फ पोषण आहार का सेवन कर रहे हैं, बल्कि ऐसा माहौल निर्मित किया गया है जिससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक तौर पर विकास होता है। केन्द्रों की दीवारों पर चित्रकारी के माध्यम से शिक्षा देने के प्रयास के साथ ही, शारीरिक गतिविधियों आदि की भी व्यवस्थाएँ की गई हैं।

दसवीं कक्षा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की बेटी कु. यामिनी ने मंत्री सुश्री भूरिया का धन्यवाद देते हुए कहा कि मुझे अपनी माँ को देखकर गर्व होता है कि वे आंगनबाड़ी के बच्चों की देखभाल वैसे ही करती हैं, जैसे वह घर में हम लोगों की करती हैं। छात्रा खुशी ने लड़के-लड़कियों के बीच भेद-भाव और लड़कियों की सुरक्षा पर प्रश्न किया। मंत्री सुश्री भूरिया ने जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान में लड़का-लड़की के बीच का भेद खत्म हो रहा है। माता-पिता भी अपनी बच्ची को पढ़ा लिखा कर आगे बढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं। लड़कियों की सुरक्षा हम सब की जिम्मेदारी है।

इसके लिये सबसे पहले लड़कों को शिक्षित करना आवश्यक है। ग्यारहवीं कक्षा के आयुष ने सवाल किया कि सभी योजनाएँ लड़कियों के लिये ही क्यों है लड़कों के लिए योजनाएँ क्यों नहीं है। महिला बाल विकास मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि राज्य शासन हर वर्ग और हर उम्र के लोगों लिये योजनाएँ बनाती है। पहले सिर्फ लड़कियों को साइकिल वितरित होती थी, अब लड़कों को भी दी जाती है। मेधावी छात्र योजना में सभी को स्कालरशिप दी जाती है। इस अवसर पर सुभाष उत्कृष्ट स्कूल के प्राचार्य श्री एस पाराशर सहित शिक्षक उपस्थित थे।

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