बंजार में जमीनी स्तर पर लागू हो मनरेगा और बीओसी डब्ल्यू कानून
टीम एक्शन इंडिया/कुल्लू/श्याम कुल्वी
जिला कुल्लू के उपमंडल के मुख्यालय में हिमाचल प्रदेश मनरेगा निर्माण एवं सर्व कामगार संगठन की बैठक आयोजित की गई। यह बैठक संगठन की बंजार इकाई अध्यक्ष भावना चौहान की अध्यक्षता में आयोजित की गई। तो वही संगठन के द्वारा एसडीएम के माध्यम से एक ज्ञापन भी प्रदेश के राज्यपाल को भेजा गया। जिसमें मजदूरों की मांगों के बारे में जिक्र किया गया है। संगठन के बंजार इकाई की अध्यक्ष भावना चौहान ने बताया कि बंजार का इलाका भौगोलिक दृष्टि से कठिनाइयां भरा है और सर्दियों में इस इलाके के ज्यादातर हिस्से में भारी बर्फ बारी होती है। जुलाई और अगस्त महीने में हुई भारी बरसात के चलते भी किसानों और बागबानो को काफ ी नुकसान हुआ है। ऐसे में मनरेगा जैसा कार्य उनके लिए एक अहम भूमिका अदा कर सकता है।
प्रदेश सरकार ने भी इसके लिए अलग से 1000 करोड रुपए का प्रावधान किया ।है लेकिन स्थानीय प्रशासन के उदासीन रवैया के चलते मनरेगा को जमीन स्तर पर सही ढंग से लागू नहीं किया जा रहा है। भावना चौहान ने बताया कि बंजार ब्लॉक में मनरेगा कानून के जरूरी प्रावधानों का लगातार उल्लंघन हो रहा है। जिसके चलते मनरेगा कामगारों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इलाके में मनरेगा के कामगार अभी तक अपने 50 दिन भी पूरे नहीं कर पाए हैं। जबकि बंजार क्षेत्र का ज्यादातर इलाका बर्फ की चपेट में आता है और वहां पर काम करने की अवधि भी काफ ी कम है। भावना चौहान ने बताया कि ब्लॉक की किसी पंचायत में काम मांगते समय कामगारों को रसीद भी नहीं दी जाती है और रसीद ना देने के चलते कामगार बेरोजगार भत्ते की मांग नहीं कर पाते हैं। इसी तरह मनरेगा कानून और नियमों के प्रावधान मुताबिक कार्य स्थल पर ना तो फ र्स्ट एड की सुविधा मिल पाती है और ना ही काम करने के लिए औजार दिए जाते हैं। इसके अलावा पंचायत में मनरेगा रोजगार मेलों का आयोजन भी नहीं किया जाता है।
उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदा के चलते किसानों के खेतों और रास्तों का भारी नुकसान हुआ है। उसे ठीक करने के लिए भी मनरेगा के तहत जो कार्य ब्लॉक में किए जाने हैं वह भी ना के बराबर है। वही बी ओ सी डब्ल्यू कानून को भी जमीन स्तर पर ठीक ढंग से लागू नहीं किया जा रहा है। सरकार के द्वारा इस बारे अधिसूचना सूचना जारी की गई है। जिसमें निर्माण कार्य में लगे हुए कामगारों को नियुक्ति रोजगार प्रमाण पत्र नियोक्ता द्वारा जारी किया जाता है और उसके सत्यापन कार्य के लिए पंचायत सचिवों को अधिकृत किया गया है। इस दिशा में भी बंजार में कोई काम नहीं हो पा रहा है। भावना चौहान ने ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल से मांग रखी की बंजार ब्लॉक के हजारों कामगारों ने साल 2020.21 और 22 में बच्चों की छात्रवृत्तिए शादी अन्य सुविधाओं के लिए आवेदन किया है। जिन्हें अभी तक स्वीकृत नहीं किया गया है। वहीं कई कामगारों की सुविधाओं के आवेदन श्रम कार्यालय कुल्लू में जानबूझकर बिना कारण से रिजेक्ट लिस्ट में डाले गए हैं। ऐसे में राज्यपाल इस बारे संज्ञान ले और सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किए जाएं कि वह मनरेगा और बी ओ सी डब्ल्यू कानून को जमीन स्तर पर लागू करें