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सांसद रमण सिंह ने कहा- प्रयागराज में जाम से स्थानीय लोग भी परेशान, दूल्हा नहीं लगा पा रहा अपनी बारात

प्रयागराज
प्रयागराज और आसपास के जिलों में ट्रैफिक जाम की स्थिति को लेकर कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने यूपी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि प्रयागराज के जाम से ना सिर्फ बाहर से आए लोग परेशान हो रहे हैं, बल्कि स्थानीय जनता को भी तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालात ऐसे हो गए हैं कि दूल्हा अपनी बारात को लेकर शादी स्थल तक नहीं पहुंच पा रहा. श्रद्धालु घाट तक नहीं पहुंच पा रहे. शहर से लेकर गांव तक की पब्लिक को जद्दोजहद करनी पड़ रही है और सरकार फेल होती दिख रही है.

दिल्ली में संसद भवन के बाहर बात करते हुए प्रयागराज से कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने दावा किया था कि महाकुंभ से पहले गंगा एक्सप्रेसवे पूरी तरह से चालू हो जाएगा, शहर में मेट्रो भी चालू कर देंगे, लेकिन कुछ नहीं हुआ. सिक्स लेन ब्रिज आधे-अधूरे पड़े हैं, फाफामऊ के पास. लखनऊ-रायबरेली-प्रयागराज हाइवे पर जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहा है. इनर रिंग रोड का कोई अता-पता नहीं. अगर ये सब काम हो गए होते तो प्रयागराज आज अच्छी स्थिति में होता. भारी भीड़ का दबाव झेल लेता.

सांसद उज्ज्वल रमण ने मांग की महाकुंभ के बजट में जो पैसा खर्च हुआ है उसके लिए सरकार को व्हाइट पेपर लाना चाहिए. ताकि, पता चल सके कि पैसा कहां-कहां खर्च हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि पैसे की बर्बादी हुई है. ना ढंग की सड़कें बनी, ना ढंग का इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा हुआ, प्रयागराजवासी आज भी उसी हाल में हैं.

इससे पहले संसद में बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा था- "मुझे एक बार भी महाकुंभ की किसी आधिकारिक योजना बैठक में नहीं बुलाया गया, जहां मैं अपनी राय साझा कर सकता था. सब कुछ अंतिम क्षण के लिए छोड़ दिया गया, जिससे अव्यवस्थित और विनाशकारी क्रियान्वयन हुआ."

महाकुंभ भगदड़ पर बोलते हुए उज्ज्वल रमण सिंह ने कहा कि अगर सरकार ने पहले से ही चेतावनियों पर ध्यान दिया होता, तो यह त्रासदी टाली जा सकती थी. उन्होंने दावा किया कि वे एक साल से अधिक समय से अधिकारियों को आगाह कर रहे थे और मीडिया के माध्यम से अपर्याप्त तैयारियों के बारे में चेतावनी दे रहे थे, लेकिन कोई सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई.

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