राजनीतिक

मुफ्ती की बेटी इल्तिजा खानदानी सीट से हारीं, करीब 10 हजार वोटों से मिली शिकस्त, किया भावुक पोस्ट

श्रीनगर

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती अपने परिवार के गढ़ माने जाने वाले श्रीगुफवारा-बिजबेहरा विधानसभा सीट से चुनाव हार गई हैं। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की वोटों की गिनती में इल्तिजा को 9770 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। इस पर इल्तिजा मुफ्ती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि मैं जनादेश को स्वीकार करती हूं। बिजबेहरा में सभी से मुझे जो प्रेम और स्नेह मिला। वह हमेशा मेरे साथ रहेगा। इस अभियान के दौरान कड़ी मेहनत करने वाले पीडीपी कार्यकर्ताओं का आभार।

मुफ्ती परिवार का गढ़ है सीट
दरअसल 37 साल की इल्तिजा दक्षिण कश्मीर में पीडीपी का चेहरा थीं। इस बार महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था। इल्तिजा को उस समय पहचान मिली थी। क्योंकि अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के बाद उनकी मां को हिरासत में लिया गया था। 1996 में महबूबा मुफ्ती ने भी बिजबेहरा से ही अपनी चुनावी शुरुआत की थी, जिसे मुफ्ती परिवार का गढ़ माना जाता है।

श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट पर किसे कितने वोट

प्रत्याशीपार्टीकुल वोट
बशीर अहमद शाह वीरीJ&KNC33299
इल्तिजा मुफ्तीJKPDP23529
सोफी यूसुफBJP3716
NOTA 1552

दादा मुफ्ती मुहम्मद सईद को याद किया
चुनाव परिणामों का इंतजार करते हुए मंगलवार को इल्तिजा ने अपने दादा मुफ्ती मुहम्मद सईद को याद करते हुए एक भावनात्मक एक्स पोस्ट लिखा। उन्होंने एक पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, सन्नी यहां आइएं फोटो के लिए। 2015 में जब आपने ताज के सामने तस्वीर लेने के लिए जोर दिया तो मैं झिझकते हुए मान गई थी। मुझे खुशी है कि आपने हार नहीं मानी क्योंकि यही हमारी आखिरी तस्वीर बनकर रह गई। आप ज्ञान, गरिमा और उदारता की मिसाल थे। मैं जो कुछ भी जानती हूं, जो कुछ भी हूं, आपकी वजह से हूं। काश आज आप यहां होते। दुनिया के सबसे अच्छे दादा। हम आपको याद करते हैं।

कैसे बनी सुर्खियां
अगस्त 2019 में इंटरनेट ब्लैकआउट और लॉकडाउन के बीच इल्तिजा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने अपने श्रीनगर आवास पर नजरबंदी के कारणों पर सवाल उठाए थे। बाद में इल्तिजा को घाटी छोड़ने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने अपनी मां से मिलने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था, जिसे अंततः मंजूरी दे दी गई। महबूबा की रिहाई के बाद से इल्तिजा नियमित रूप से मीडिया इंटरैक्शन और बैठकों के दौरान उनके साथ रहीं। जून 2022 में उन्होंने एक्स पर "आपकी बात इल्तिजा के साथ" नामक एक पाक्षिक वीडियो श्रृंखला शुरू की, जिसका मकसद जम्मू-कश्मीर के लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों और फैसलों पर चर्चा करना था।

कश्मीर में नई दिल्ली की नीतियों के कड़े विरोध में इल्तिजादिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक इल्तिजा ने यूके में वारविक विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में मास्टर डिग्री हासिल की है। इल्तिजा मुफ्ती कश्मीर में नई दिल्ली की नीतियों के कड़े विरोध के लिए भी जानी जाती हैं। वह केंद्र शासित प्रदेश में नागरिक स्वतंत्रता और राजनीतिक अधिकारों की सक्रिय रूप से वकालत करती हैं। एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में इल्तिजा ने कहा था कि मुझे अपनी मां से विरासत में सिर्फ़ खूबसूरती ही नहीं बल्कि जिद भी मिली है। मैं रणनीतिक हूं। वह भावुक हैं। यही मेरा व्यक्तित्व है और मुझे उम्मीद है कि समय के साथ लोग इसे जानेंगे। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को हुए थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button