दिल्ली में केजरीवाल के साथ रहे मुसलमान, दलितों ने खिलाया कमल, सिख किधर?
नई दिल्ली
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर सभी सात लोकसभा सीटों पर कमल खिला दिया है। चुनाव बाद डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि भाजपा ने उन सीटों पर बढ़त हासिल की है जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने उन इलाकों में अच्छा प्रदर्शन किया जहां मुस्लिम आबादी अधिक है। खास बात यह है कि दिल्ली की सभी 13 आरक्षित सीटों पर अभी आम आदमी पार्टी का कब्जा है, लेकिन लोकसभा चुनाव में दलितों ने भाजपा का साथ दिया है। भाजपा ने लगातार तीसरी बार दिल्ली की सभी सीटों पर जीत हासिल की है।
दिल्ली की लोकसभा सीटें
दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें हैं- चांदनी चौक, नई दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, उत्तर पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली।
पूर्वी दिल्ली में क्या हुआ
यहां भाजपा के हर्ष मल्होत्रा ने आम आदमी पार्टी के नेता कुलदीप कुमार को हराया, जो कोंडली से मौजूदा विधायक हैं। मल्होत्रा को कुलदीप कुमार की विधानसभा सीट पर भी आगे रहे, जोकि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। भाजपा को यहां 59,551 वोट मिले जबकि कुलदीप के हिस्से 57985 मत आए। भाजपा को त्रिलोकपुरी में भी अधिक वोट मिले। दोनों सीटें एससी के लिए रिजर्व है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली
लगातार तीसरी बार उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से सांसद चुने गए मनोज तिवारी को भी अनुसूचित जाति का खूब साथ मिला। मनोज तिवारी को आरक्षित गोकलपुर सीट पर 80757 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कन्हैया कुमार को यहां 70,159 वोट हासिल हुए। वहीं, सीमापुरी में इंडिया गठबंधन को ज्यादा (66,604) वोट मिले, जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाता रहते हैं। सीमापुरी में भाजपा को 61,017 वोट मिले हैं।
नई दिल्ली सीट
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की वकील बेटी बांसुरी स्वराज ने आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती को मात दी। अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व करोल बाग विधानसभा सीट पर स्वराज ने भारती के मुकाबले बढ़त हासिल की। यहां बांसुरी को 52,562 वोट मिले तो भारती के हिस्से में 45,416 मत आए।
उत्तर पश्चिम दिल्ली
भाजपा के योगेंद्र चंदोलिया को बवाना, नांगलोई जाट और मंगोलपुर में अधिक वोट मिले। वहीं दूसरे स्थान पर रहे उदित राज को सुल्तानपुरी विधानसभा में बढ़त मिली।
पश्चिम दिल्ली/दक्षिणी दिल्ली
पश्चिम दिल्ली में भाजपा की प्रत्याशी कमलजीत सहरावत को मादीपुर सुरक्षित सीट पर आम आदमी पार्टी के महाबल मिश्रा के मुकाबले अधिक वोट मिले। दूसरी तरफ दक्षिणी दिल्ली में रामवीर सिंह बिधूड़ी को देवली आरक्षित सीट पर आम आदमी पार्टी के सही राम पहलवान के मुकाबले अधिक वोट हासिल हुए।
मुस्लिम बहुल सीटों पर इंडिया गठबंधन को बढ़त
दिल्ली की मुस्लिम बहुल सीटों पर आम आदमी पार्टी और इंडिया गठबंधन को बढ़त मिली है। सीलमपुर, बाबरपुर, मुस्तफाबाद, ओखला, मटियामहल, बल्लीमारान सीट पर इंडिया गठबंधन ने भाजपा को पीछे छोड़ा। उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट में सीलमपुर विधानसभा सीट में कन्हैया कुमार को 88,708 वोट मिले जबकि मनोज तिवारी को यहां केवल 37,697 वोट हासिल हुए। इसी तरह चांदनी चौक लोकसभा सीट के तहत मटियामहल में इंडिया गठबंधन को 65,912 वोट मिले जबकि यहां भाजपा को महज 18,299 वोट हासिल हुए। यहां बल्लीमारान में 65912 वोटर्स ने कांग्रेस के जेपी अग्रवाल को वोट दिया तो भाजपा को महज 33436 वोटर्स का साथ मिला। इसी तरह ओखला में भी भाजपा इंडिया गठबंधन के मुकाबले बहुत पीछे रही, जहां मुसलमानों की अच्छी आबादी है। यहां भाजपा को 60171 वोट मिले तो इंडिया गठबंधन को 133989 मत हासिल हुए।
सिख बहुल सीटों पर किसकी जीत
भाजपा को सिख बहुल सीटों जैसे राजौरी गार्डन, तिलक नगर, जंगपुरा और चांदनी चौक विधानसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा है। राजौरी गार्डन में इंडिया गठबंधन को 51863 वोट मिले तो तो भाजपा के पक्ष में यहां 49417 वोट आए। तिलकनगर में भाजपा को 43616 और इंडिया गठबंधन को 45780 वोट मिले। जंगपुरा में इंडिया गठबंधन को 40803 और भाजपा को 38312 वोट मिले। चांदनी चौक विधानसभा सीट पर भाजपा को महज 27134 और आप-कांग्रेस गठबंधन को 42512 वोट मिले। यहां मुसलमानों और सिखों की अच्छी आबादी है।
लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को जोरदार झटका लगा है। उम्मीदों के विपरीत 'आप' और गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को दिल्ली की सभी सात सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा नतीजों में मिली निराशा के बाद 'आप' में हलचल तेज हो गई है। दिल्ली के सभी विधायकों को और प्रमुख नेताओं को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर बुलाया गया है।
गुरुवार शाम 5 बजे सीएम आवास पर यह महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। चुनाव परिणाम के बाद पार्टी ने यह बैठक बुलाई है। बैठक में विधायकों के अलावा पार्टी के सभी बड़े नेता मौजूद रहेंगे। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि बैठक किस मकसद से बुलाई गई है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल बैठक की अध्यक्षता कर सकती है। एक दिन पहले ही उन्होंने तिहाड़ जेल जाकर सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ मुलाकात की है।
माना जा रहा है कि सीएम की ओर से प्राप्त निर्देशों को सुनीता केजरीवाल विधायकों और नेताओं के सामने रख सकती है। दिल्ली में अब कुछ ही महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में विधायकों को सक्रियता के साथ तैयारी में जुटने को कहा जा सकता है। विधायकों से उनके इलाके में पार्टी को मिले वोट के मुताबिक जवाब मांगा जा सकता है।