हिमाचल प्रदेश

बीते 30 वर्षों में नगर पंचायत राजगढ़ उपलब्ध नहीं कर पाई पार्र्किंग व्यवस्था

नाहन/एसपी जैरथ
बढ़ते वाहनों की संख्या के चलते राजगढ़ शहर में पार्किंग समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। बाहर से आने वाले वाहन धारकों को शहर में पार्किंग व्यवस्था न होने के कारण प्रतिदिन पुलिस कर्मियों से जूझना पड़ता है। शायद राजगढ़ प्रदेश का पहला शहर होगा जहां पर प्रतिदिन हल्के व दुपहिया वाहनों के सबसे ज्यादा चालान होते है चूंकि शहर में सरकारी अथवा निजी क्षेत्र में कोई भी पार्किंग सुविधा उपलब्ध नहीं है। हैरत का विषय है कि बीते तीस वर्षों से अस्तित्व में आने के उपरांत स्थानीय नगर पंचायत पार्किंग की समस्या का समाधान नहीं कर पाई है। जिसके चलते लोगों में नगर पंचायत व स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर कई सवाल उठाए है। अव्यवस्था का आलम यह है शहर के सडकों के किनारे स्थानीय लोगों ने स्थाई पार्किंग बना ली है जिनकों हटाने की स्थानीय पुलिस अथवा नगर पंचायत ने आजतक कोई कदम नहीं उठाए हैं। बाहर से आने वाले वालों की दुर्दशा यह है कि यदि थोड़ी देर के लिए पुराने अडडा अथवा माल रोड़ पर गाड़ी खड़ी करते हैं तो पुलिस कर्मी मोबाईल से फोटो खींच कर आॅनलाईन चालान कर देते हैं। बीते दिनों शहर के डाकघर के बाहर साईड में एक व्यक्ति ने गाड़ी खड़ी करके पोस्टआॅफिस से लिफाफा खरीदने गया। बाहर आने पर पाया कि उनका 1531 रुपए का चालान हो गया है हालांकि इनकी गाड़ी खड़ी होने से वाहनों की आवाजाही बाधित नहीं हो रही थी। पुलिस द्वारा मनमानेचालान करने बारे वाहन धारकों में रोष व्याप्त है। अनेक वाहन धारकों का कहना है कि बढ़ती वाहनों की संख्या को देखते हुए सरकार को जनहित में पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि वाहन धारक चालान के दंश का शिकार न बन सके चूंकि राजगढ़ से हरिपुरधार नौहराधार, खैरी, बड़ूसाहिब, हाब्बन चंदोल धामला पुलवाहल के लिए वाहनों की दिनभर आवाजाही रहती है। लोग दूरदराज से बाजार से सामान खरीदने, अस्पताल अथवा विभिन्न दफतरों के काम से आते हैं। पार्किंग ने होने से लोगों को बड़ी परेशानी पेश आती है।

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