1 सितंबर से शुरू होगा इंदौर में नायता मुंडला बस स्टैंड, सड़क और फुटपाथों से सख्ती से हटाएंगे अतिक्रमण
इंदौर
इंदौर। शहर (Indore) के यातायात (transportation) को व्यवस्थित करने के लिए जिला प्रशासन (District Administration) ने शहर के बीचोबीच से बसों का संचालन करने वाले बस संचालकों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। कल प्रशासन ने ऐसे सात ट्रेवल्स (Seven Travels) की ऑफिस सील (Seal) किए। बाद में बस संचालकों ने यात्री परेशानियों का हवाला दिया तो कलेक्टर ने तीन दिनों की मोहलत के साथ शहर के बाहर से बसें संचालित करने के निर्देश दिए। इसके बाद अब कई निजी बसों का संचालन नायता मुंडला (Naita Mundla) स्थित बस स्टैंड से शुरू होने की स्थिति बनती नजर आ रही है। यह विकल्प पिछली बैठक में जिला प्रशासन ने ही बस संचालकों को दिया था।
उल्लेखनीय है कि शहर के ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के लिए जिला प्रशासन ने पिछले माह निजी बस संचालकों की बैठक लेते हुए निर्देश दिए थे कि ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट पर चलने वाली बसें शहर से बाहर संचालित की जाएं। इस पर बस संचालकों ने कहा था कि ज्यादातर के पास शहर के बाहर बसों का संचालन शुरू करने के लिए स्थान नहीं है। इस पर अस्थायी तौर पर विकल्प दिया गया था कि वे नायता मुंडला में बने नए बस स्टैंड से बसों का संचालन शुरू कर सकते हैं। आरटीओ प्रदीप शर्मा ने कहा कि कल कार्रवाई के दौरान भी जब बस संचालकों ने इतने कम समय में बाहर व्यवस्था न होने की बात कही तो उन्हें दोबारा यह विकल्प दिया गया कि अगर वे चाहें तो नायता मुंडला बस स्टैंड से अपनी बसें चला सकते हैं। इस बस स्टैंड से अभी किसी भी बस का संचालन शुरू नहीं हुआ है और यह खाली भी है। नौलखा की बसों को यहां शिफ्ट करने की योजना थी, जो कोर्ट के स्टे के कारण अटकी पड़ी है।
पिछले दिनों शहर के जिन 21 चौराहों पर यातायात को सुगम बनाने के संबंध में निरीक्षण किया गया था उस दौरान लिए गए निर्णय और दिए गए निर्देशों पर काम प्रारंभ कर दिया गया है। कलेक्टर ने फुटपाथ और सड़कों पर अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध भी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो बार-बार समझाइश के बाद भी यातायात नियमों और निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएं।
शहर में बुकिंग ऑफिस और पिकअप पाइंट बना सकेंगे
आरटीओ ने बताया कि भोपाल की तरह बस संचालक शहर में अपना बुकिंग ऑफिस बना सकते हैं। साथ ही यात्रियों को शहर से लेकर बस स्टैंड तक लाने-ले जाने के लिए छोटी गाडिय़ां भी संचालित कर सकते हैं, जिससे ट्रैफिक बाधित न हो। इससे यात्रियों को भी सुविधा होगी और बस संचालकों का काम भी प्रभावित नहीं होगा।
चौराहों पर यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के संबंध में स्थाई समाधान के लिए ग्रेट सेपरेटर बनाने की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई। बैठक में नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, डीसीपी ट्रैफिक अरविंद तिवारी, अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा, अपर कलेक्टर सपना लौवंशी तथा रोशन राय सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
सुरक्षा व्यवस्था करनी होगी पुख्ता
नायता मुंडला से देर रात संचालित होने वाली बसों से आने और जाने वाले यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था भी अहम होगी। शहर के बाहर होने से बस स्टैंड पर सुरक्षा व्यवस्था करनी होगी। क्योंकि रात्रि में नायता मुंडला और पालदा के सुनसान क्षेत्रों में महिला यात्रियों की सुरक्षा अहम होगी। पालदा चौराहे से नायता मुंडला तक सड़क सुधार और लाइटिंग का कार्य नहीं हो सका है।