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नारायण मूर्ति बोले- कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलना चाहिए, मैं भी गरीब घर का था…

बेंगलुरु

साफ्टवेयर उद्योग के दिग्गज एनआर नारायण मूर्ति ने बुधवार को कहा कि कुछ भी मुफ्त में नहीं दिया जाना चाहिए। बेंगलुरु टेक समिट 2023 के 26वें संस्करण को संबोधित करते इंफोसिस के सह-संस्थापक मूर्ति ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं और सब्सिडी का लाभ उठाने वाले लोगों को समाज की भलाई के लिए योगदान देना चाहिए।

 

क्या कुछ बोले नारायण मूर्ति?

मूर्ति ने कहा कि मैं मुफ्त सेवाएं दिए जाने के खिलाफ नहीं हूं, क्योंकि मैं भी एक समय गरीब पृष्ठभूमि से आया था, लेकिन मुझे लगता है कि हमें उनलोगों से बदले में कुछ उम्मीद करनी चाहिए जिन्होंने मुफ्त सब्सिडी प्राप्त की है ताकि वे अपनी भावी पीढ़ी, अपने बच्चों और पोते-पोतियों को स्कूल जाने के मामले में बेहतर बनाने और बेहतर प्रदर्शन करने की दिशा में थोड़ी बड़ी जिम्मेदारी ले सकें।

 

नारायण मूर्ति ने मोदी सरकार को दी बधाई

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार को बधाई देते हुए मूर्ति ने कहा कि यह सही दिशा में एक कदम है। मूर्ति ने युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए अधिक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल स्थापित करने, तीन पालियों में काम करने और चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए त्वरित निर्णय लेने की वकालत की।

समाज की भलाई में किया जाए योगदान
Infosys Co-Founder नारायण मूर्ति ने मुफ्त में किसी भी तरह की सेवाएं देने पर बात करते हुए कहा कि मैं फ्री सर्विसेज के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाओं (Services) और सब्सिडी (Subsidy) का लाभ उठाने वाले लोगों को समाज की भलाई के लिए योगदान देना चाहिए. जब आप वे सेवाएं लेते हैं, जब आप वे सब्सिडी प्राप्त करते हैं, तो बदले में कुछ ऐसा होना चाहिए, जो आप करने को तैयार हों. सॉफ्टवेयर दिग्गज ने आगे कहा कि भारत जैसे गरीब देश को समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए दयालु पूंजीवाद (Compassionate Capitalism) ही एकमात्र समाधान है.

'मैं भी गरीब पृष्ठभूमि से आया'
Narayana Murthy ने जेरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर निखिल कामथ (Nikhil Kamath) द्वारा संचालित 'फायरसाइड चैट' के दौरान फ्री सेवाओं को लेकर ये बयान दिया है. उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैं मुफ्त सेवाएं दिए जाने के खिलाफ नहीं हूं, क्योंकि मैं भी एक समय गरीब पृष्ठभूमि से आया था, लेकिन मुझे लगता है कि हमें उनलोगों से बदले में कुछ उम्मीद करनी चाहिए, जिन्होंने मुफ्त सब्सिडी ली है, ताकि वे अपनी भावी पीढ़ी, अपने बच्चों और पोते-पोतियों को स्कूल जाने के मामले में बेहतर बनाने और बेहतर प्रदर्शन करने की दिशा में थोड़ी बड़ी जिम्मेदारी उठा सकें.

गरीबी खत्म करने का बताया समाधान
अरबपति बिजनेसमैन नारायण मूर्ति ने कार्यक्रम के दौरान आगे उदाहरण देते हुए कहा  'उदाहरण के लिए, अगर आप कहते हैं कि मैं आपको मुफ्त बिजली दूंगा, तो यह बहुत अच्छा होता. सरकार ने जो कहा है, वह बात है, लेकिन हम चाहते हैं कि प्राथमिक विद्यालयों और माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिशत उपस्थिति 20 फीसदी तक बढ़े, तभी हम आपको यह देंगे.' इसके साथ ही उन्होंने गरीबी को खत्म करने के प्रयासों को लेकर कहा कि मेरा मानना है कि मुक्त बाजार और उद्यमिता के दोहरे स्तंभों पर आधारित पूंजीवाद किसी भी देश के लिए गरीबी की समस्या खत्म करने का एकमात्र समाधान है.

चीन का अध्ययन करने की सलाह
कार्यक्रम में भारत में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) बढ़ाने पर सरकार को उनके सुझाव के बारे में पूछे गए सवाल पर मूर्ति ने कहा कि राजनीतिक नेताओं को चीन (China) का बहुत ध्यान से अध्ययन करना चाहिए. टेक दिग्गज ने कहा कि चीन, जिसमें हमारे जैसी ही सभी समस्याएं थीं, उसकी जीडीपी भारत से पांच या छह गुना अधिक हो गई है. इसलिए मैं हमारे राजनीतिक नेताओं से अनुरोध करूंगा कि वे चीन का ध्यान से अध्ययन करें और फिर देखें कि वहां क्या अच्छी चीजें हैं हम सीखकर अपने यहां पर लागू कर सकते हैं, ताकि भारत भी चीन की तरह ही प्रगति कर सके और एक ऐसा देश बन सके जिसने अपने लोगों की गरीबी कम की है.

उन्होंने देश के युवाओं को निखारने के लिए अधिक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल स्थापित करने, 3 पालियों में काम करने और चीन के साथ कॉम्पिटीशन करने के लिए त्वरित निर्णय लेने के लिए भी कहा. 

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