नरेला: सालों बाद भी नहीं बना बाईपास रोड़, लोग परेशान
टीम एक्शन इंडिया
नई दिल्ली: नरेला में बढ़ती आबादी के कारण यातायात के दबाव को देखते हुए वर्षों पूर्व मास्टर प्लान में बाईपास रोड़ बनाने की जरूरत बताई गई थी। जिससे नरेला में बढ़ते यातायात के बोझ को कम किया जा सके।
मास्टर प्लान में जिस बाईपास रोड़ का उल्लेख किया गया है वह एनएच 44 पर सिंघु बॉर्डर रोड़ को प्याऊ मनियारी, सबोली रोड, सफियाबाद रोड, लामपुर और बवाना रोड को आपस में जोड़ देगा।
जिससे गाड़ियां नरेला में एंट्री किए बिना सीधे निकल जाएगी। और नरेला में जाम नहीं लगेगा। मगर वर्षों बीत जाने के बाद भी इस पर काम शुरू नहीं हो पाया है। जिससे नरेला व आसपास के लोगों में खासा रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि नरेला में समय बीतने के साथ-साथ आबादी का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है।
यहां नरेला अनाज मंडी, औद्योगिक एरिया, एफसीआई गोदाम, सब्जी मंडी, नरेला मार्केट, रेलवे स्टेशन होने की वजह से कमर्शियल गाड़ियों का आना-जाना लगा रहता है जिसके कारण आए दिन लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। पीक अवर्स में लोग कई घंटे जाम में फंसे रहते हैं, मिंटो का सफर तय करने में घंटों लग जाते हैं।
कई बार इस जाम की वजह से एंबुलेंस भी फंस जाती हैं और मरीज समय पर अस्पताल भी नहीं पहुंच पाते। इस संबंध में कई बार स्थानीय लोग जनप्रतिनिधियों, संबंधित विभाग के अधिकारियों से बाईपास रोड़ बनाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपने के अलावा आंदोलन भी चला चुके हैं, लेकिन इस पर आज तक कोई अमल नहीं हो सका। मैन बाजार मार्केट एसोसिएशन के महासचिव मनोज बंसल ने बताया कि नरेला इलाके में बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए साल 2001 के मास्टर प्लान में नरेला में बाईपास रोड बनाने की जरूरत बताई गई थी।
लेकिन समय बीतने के साथ योजना ठंडे बस्ते में चली गई। फेडरेशन आफ नरेला के अध्यक्ष जोगिंदर दहिया ने बताया कि नरेला में बाईपास रोड़ बनाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। लेकिन हर बार कार्यवाही के नाम पर आश्वासन ही मिलता है। आज तक इस पर काम नहीं शुरू हो पाया है। लोगों की मांग है कि मास्टर प्लान में शामिल बाईपास रोड़ को जल्द बनाया जाए। ताकि नरेला में लगने वाले भीषण जाम से लोगों को मुक्ति मिल सके।