बिजली कंपनियोंकी लूट के खिलाफ नेशनल अकाली दल का प्रदर्शन
टीम एक्शन इंडिया
नई दिल्ली: राजधानी में बिजली कंपनियों की लूट के खिलाफ नेशनल अकाली दल ने जंतर मंतर पर बिजली के मीटर को लेकर प्रदर्शन कर सरकार से इन कंपनियों पर लगाम लगाने की मांग की। नेशनल अकाली दल के अध्यक्ष परमजीत सिंह पम्मा ने इस अवसर पर केन्द्र सरकार से ऐसी व्यवस्था करने की मांग की जिससे उपभोक्ताओं को मोबाइल कंपनियों की तर्ज पर बिजली कंपनियों को भी चुनने का अवसर मिले। इससे उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी और उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
परमजीत सिंह पम्मा की अध्यक्षता में पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर बिजली कंपनियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने अपने हाथों में बिजली कंपनियों की मनमानी बंद करने, बिजली के बिलों को जीएसटी से मुक्त करने संबंधी तख्तियां व बैनर लिए हुए थे। इस अवसर पर पम्मा के नेतृत्व में केन्द्रीय सरकार के बिजली मंत्री को एक ज्ञापन देकर उचित कार्रवाई की मांग की गई।
प्रदर्शनकारी जैसे ही संसद भवन की और बढ़ने लगे पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग पुलिस स्टेशन के समक्ष रोक लिया। इस अवसर पर पम्मा ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को बिजली कंपनियों पर लगाम लगानी चाहिए। पम्मा ने सरकार से कहा कि ऐसी स्कीम की घोषणा करें जिससे टेलीफोन, मोबाइल प्रदाता कंपनियों की तरह बिजली वितरण कंपनी को चुनने का विकल्प होना चाहिए जिससे बिजली कंपनियों की मनमानी रुक सके।
पम्मा ने कहा पहले मोबाइल कंपनियां को आउटगोइंग कॉल्स के लिए जहां 16 रुपए प्रति मिनट की दर से चुकाने होते थे वहीं इनकमिंग कॉल के लिए 8 रुपए तक चुकाने होते होते थे मगर अब ज्यादा कंपनियां होने के कारण आपसी कंपटीशन इतना बढ़ गया है कि सस्ती से सस्ती स्कीम में लाकर ग्राहकों को अपनी ओर लुभाने के लिए लगे हुए हैं। इसी प्रकार बिजली कंपनियां में भी अन्य कंपनियां आ जाएगी तो ग्राहकों को सस्ती और बढ़िया सर्विस मिलेगी।
पम्मा ने कहा केंद्र सरकार ने इसका आश्वासन दिया था कि बिजली कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए मोबाइल कंपनियों की तर्ज पर ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि उपभोक्ता अपनी इच्छानुसार बिजली कंपनी चुनने का अधिकार मिल सके। ऐसी व्यवस्था लागू होने से उपभोक्ताओं को हजारों रुपए के बिलों से छुटकारा मिलेगा। पम्मा ने कहा कि आज स्थिति यह हो गई है कि बिजली कंपनियों विभिन्न प्रकार के टैक्स लगा कर उपभोक्ताओं से हजारों रुपए के बिल वसूल रही है और सरकार आंखे मूंदे बैठी है। आम जनता इन बढ़े हुए बिलों से त्राही-त्राही कर रही है।