अन्तर्राष्ट्रीय

नाटो ने रूस-चीन के बीच गहराते रिश्तों पर चिंता जताई

वाशिंगटन/मॉस्को
 उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने रूस और चीन के बीच गहराते संबंधों तथा बीजिंग की बढ़ती आक्रामकता पर बुधवार को चिंता जाहिर की।

नाटो ने अपने वाशिंगटन शिखर सम्मेलन घोषणापत्र में कहा, “पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) की महत्वाकांक्षाएं और आक्रामक नीतियां लगातार हमारे हितों, सुरक्षा और मूल्यों को चुनौती दे रही हैं। रूस और पीआरसी के बीच गहराती रणनीतिक साझेदारी तथा नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कमजोर करने व नया आकार देने के दोनों देशों के प्रयास गंभीर चिंता का विषय हैं।”

शिखर सम्मेलन में शामिल राष्ट्राध्यक्षों और शासन प्रमुखों की ओर से जारी घोषणापत्र में कहा गया है, “हम सरकार में शामिल और उनसे इतर तत्वों से हाइब्रिड, साइबर, अंतरिक्ष और अन्य खतरों तथा दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों का सामना कर रहे हैं।” इस सम्मेलन में स्वीडन को नाटो के 32वें सदस्य देश के रूप में शामिल किया गया।

घोषणापत्र में कहा गया है कि फिनलैंड और स्वीडन का नाटो में शामिल होना उन्हें सुरक्षित और संगठन को मजबूत बनाता है, ‘हाई नॉर्थ’ और बाल्टिक सागर क्षेत्रों में भी। इसमें कहा गया है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने यूरो-अटलांटिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता भंग कर दी है तथा वैश्विक सुरक्षा को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। घोषणापत्र में कहा गया है कि रूस संगठन के सदस्य देशों की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण और प्रत्यक्ष खतरा बना हुआ है।

इसमें कहा गया है, “आतंकवाद, अपने सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों में, हमारे नागरिकों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं समृद्धि के लिए सबसे प्रत्यक्ष खतरा है। हम जिन खतरों का सामना कर रहे हैं, वे वैश्विक और परस्पर जुड़े हुए हैं।”

सम्मेलन में नाटो ने अपनी प्रतिरोधक क्षमता और रक्षा तंत्र को मजबूत करने, रूस से लड़ाई में यूक्रेन को दीर्घकालिक समर्थन बढ़ाने और नाटो के सदस्य देशों के बीच साझेदारी को गहरा करने के लिए कदम उठाए। घोषणापत्र में कहा गया है, “हम यूक्रेन के राष्ट्रपति (वोलोदिमीर) जेलेंस्की और ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य तथा यूरोपीय संघ के नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं।”

रूस ने आलोचनाओं पर कार्रवाई के बीच ‘द मॉस्को टाइम्स’ को ‘अवांछनीय’ घोषित किया

 रूस के अभियोजक जनरल कार्यालय ने देश के प्रवासी समुदाय के बीच लोकप्रिय एक ऑनलाइन अखबार ‘द मॉस्को टाइम्स’ को बुधवार को ‘अवांछनीय संगठन’ घोषित कर दिया। अभियोजक जनरल कार्यालय ने आलोचनात्मक मीडिया संगठनों और विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के बीच यह कदम उठाया।

‘अवांछनीय संगठन’ घोषित किए जाने का मतलब है कि ‘द मॉस्को टाइम्स’ को रूस में अपनी सभी गतिविधियां और कामकाज बंद करना होगा। इसके अलावा, अखबार का सहयोग करने वाले किसी भी रूसी व्यक्ति को पांच साल तक के कारावास का सामना करना पड़ सकता है।

यह पिछले साल नवंबर में अखबार को ‘विदेशी एजेंट’ घोषित किए जाने की तुलना में कहीं अधिक गंभीर कार्रवाई है। ‘विदेशी एजेंट’ का दर्जा अखबार से जुड़े व्यक्तियों और संगठनों पर न सिर्फ वित्तीय निगरानी बढ़ाता है, बल्कि उसकी किसी भी सार्वजनिक सामग्री के प्रकाशन में ‘वित्तीय एजेंट’ घोषित किए जाने की बात को प्रमुखता से शामिल करना अनिवार्य बनाता है।

वैसे, ‘द मॉस्को टाइम्स’ ने 2022 में रूसी सेना और यूक्रेन में उसके युद्ध के खिलाफ सामग्री प्रकाशित करने पर कड़ी सजा देने का प्रावधान करने वाला कानून पारित होने के बाद अपने संपादकीय कार्यों को रूस से बाहर स्थानांतरित कर दिया था।

‘द मॉस्को टाइम्स’ अंग्रेजी और रूसी भाषा में उपलब्ध है, लेकिन यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के कुछ महीनों बाद रूस में अखबार की रूसी भाषा वाली वेबसाइट ब्लॉक कर दी गई थी।

‘अवांछनीय संगठन’ घोषित किए जाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘द मॉस्को टाइम्स’ ने कहा, “अखबार को अवांछनीय संगठन करार देना रूस की हकीकत और यूक्रेन में उसके युद्ध को लेकर हमारी रिपोर्टिंग को दबाने का नवीनतम प्रयास है…. यह हमारे काम को और मुश्किल बना देगा। इससे रूस में कार्यरत हमारे पत्रकारों और सूत्रों पर आपराधिक मुकदमा चलाए जाने का खतरा पैदा हो गया है। सूत्र हमसे बात करने में और भी अधिक झिझक रहे हैं।”

अखबार ने कहा, “हम इस तरह के दबाव के आगे झुकने से इनकार करते हैं। हम अपनी आवाज दबाने के प्रयासों के आगे झुकने से इनकार करते हैं।”

‘द मॉस्को टाइम्स’ को 1992 में एक दैनिक अखबार के रूप में शुरू किया गया था, जो होटल-रेस्तरां और प्रवासियों के बीच लोकप्रिय अन्य स्थलों पर मुफ्त में बांटा जाता था। 2017 से अखबार का सिर्फ ऑनलाइन संस्करण उपलब्ध कराया जाने लगा।

नाटो देश अपना औद्योगिक आधार मजबूत करें : बाइडन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के तेजी से रक्षा उत्पादन बढ़ाने के मद्देनजर उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य देशों से बुधवार को अपने औद्योगिक आधार को मजबूत करने का आह्वान किया।

बाइडन ने वाशिंगटन में नाटो शिखर सम्मेलन के एक सत्र के दौरान कहा कि नाटो देशों ने दो साल पहले अपनी प्रतिरोधक क्षमता और रक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने का फैसला किया था।

उन्होंने कहा, ”आज हमें खुद से यह सवाल करना होगा कि आगे क्या? हम अपनी ढाल को कैसे मजबूत बना सकते हैं? इसका एक जवाब यह है कि हमें अपने औद्योगिक आधार को मजबूत करना होगा।”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ”इस समय रूस तेजी से अपने रक्षा उत्पादन में बढ़ोतरी कर रहा है। वह हथियारों, वाहनों और युद्ध सामग्री का उत्पादन तेजी से बढ़ा रहा है। रूस चीन, उत्तर कोरिया और ईरान की मदद से अपनी रक्षा क्षमता को और मजबूत कर रहा है। जहां तक मेरा विचार है, हमारे संगठन को भी ऐसी स्थिति में पीछे नहीं रहना चाहिए।”

बाइडन ने कहा, ”मुझे बहुत खुशी है कि आज नाटो के सभी सदस्य हमारे औद्योगिक आधार और औद्योगिक क्षमता का विस्तार करने का संकल्प ले रहे हैं। यह सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक जरूरी कदम है। ऐसा पहली बार हुआ है कि नाटो का हर सदस्य देश अपने यहां रक्षा उत्पादन को और बढ़ाने का संकल्प ले रहा है।”

उन्होंने कहा, ”इसका मतलब है कि एक संगठन के तौर पर हम अधिक नवीन और प्रतिस्पर्धी बनेंगे। हम अधिक महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों का तेजी से निर्माण कर सकते हैं।”

 

 

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