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चौथे चरण की सभी पांच सीट पर राजग का कब्जा, तीन सीट पर इंडिया गठबंधन के नवोदित प्रत्याशी देंगे चुनौती

चौथे चरण की सभी पांच सीट पर राजग का कब्जा, तीन सीट पर इंडिया गठबंधन के नवोदित प्रत्याशी देंगे चुनौती

ओडिशा में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान ड्रोन के इस्तेमाल पर पाबंदी

डीआरडीओ कृत्रिम मेधा आधारित निगरानी प्रणाली, अन्य परियोजनाओं के लिए आईआईटी भुवनेश्वर का सहयोग करेगा

पटना
बिहार लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण की सभी पांच सीट मुंगेर, बेगूसराय, समस्तीपुर (सु) ,दरभंगा और उजियारपुर पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का कब्जा है वहीं तीन सीट मुंगेर, बेगूसराय और दरंभगा सीट पर इंडिया गठबंधन के टिकट पर पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी राजग के सांसदों को चुनौती देंगे।

बिहार लोकसभा चुनाव में चौथे चरण का मतदान 13 मई को मुंगेर, बेगूसराय, समस्तीपुर (सु) ,दरभंगा और उजियारपुर में होने जा रहा है। इनमें से मुंगेर, बेगूसराय, और दरभंगा सीट पर इंडिया गठबंधन के टिकट पर पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी राजग के सांसदों को चुनौती देंगे। चौथे चरण में पांच दिग्गज राजनेताओं की साख भी दाव पर है। इसमें बेगूसराय से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, उजियारपुर से केन्द्रीय मंत्री नित्यानंद राय, मुंगेर से जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, दरभंगा से पूर्व मंत्री ललित यादव एवं उजियारपुर से पूर्व सांसद आलोक मेहता की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

मुंगेर संसदीय सीट से राजग के घटक दल में शामिल जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह चुनावी समर में उतरे हैं। वहीं, उनसे मुकाबला करने के लिये इंडिया गठबंधन के घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी महतो को प्रत्याशी बनाया है, जो पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं। ललन सिंह चौथी बार मुंगेर से चुनाव लड़ रहे हैं। वर्ष 2009 और वर्ष 2019 के चुनाव में उन्हें जीत मिली, हालांकि उन्हें वर्ष 2014 के चुनाव में हार का भी सामना करना पड़ा।

बेगूसराय सीट पर राजग के घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फायरब्रांड नेता केन्द्रीय मंत्री गिरीराज सिंह दूसरी बार इस सीट से चुनाव जीतने की फिराक में है, वहीं इंडिया गठबंधन के घटक वामदल ने बछवाड़ा विधानसभा के तीन बार के विधायक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) प्रत्याशी अवधेश राय को भाजपा के गिरिराज सिंह के विरुद्ध उन्हें सियासी रणभूमि में उतारा है। राय पहली बार लोकसभा के रण में अपनी किस्मत आजमां रहे है।

दरभंग लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद गोपालजी ठाकुर पर फिर से भरोसा जताते हुये उन्हें उम्मीदवार बनाया है वहीं राजद दरभंगा ग्रामीण के विधायक और पूर्व मंत्री ललित यादव को भाजपा के ठाकुर के विरुद्ध सियासी अखाड़ा में उतारा है। ललित यादव ने छह बार विधानसभा का चुनाव जीता है। उन्होंने वर्ष 1995, 2000 और अक्टूबर 2005 में मनिगाछी विधानसभा जबकि 2010, 2015 और 2020 में दरभंगा ग्रामीण से विजय हासिल की हैं। हालांकि वह पहली बार लोकसभा के रण में उतरे हैं।

उजियारपुर संसदीय सीट वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद वर्ष 2009 में अस्तित्व में आया। उजियारपुर से केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय जहां हैट्रिक लगाने की फिराक में हैं, वहीं राजद ने आलोक कुमार मेहता को उम्मीदवार बनाया है। राजद के मेहता ने वर्ष 2014 के चुनाव में समस्तीपुर संसदीय सीट से जीत हासिल की थी। राजद के मेहता उजियारपुर सीट पर तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2009 और वर्ष 2014 में उजियारपुर से चुनाव लड़ा लेकिन जीत नसीब नहीं हुयी।

समस्तीपुर (सु) सीट पर राजग और इंडिया गठबंधन के नवोदित प्रत्याशी की टक्कर देखने को मिलेगी। बिहार सरकार में ग्रामीण कार्यमंत्री अशोक चौधरी की पुत्री शांभवी चौधरी राजग के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के टिकट पर चुनावी रणभूमि में उतरी हैं वहीं नीतीश कुमार की सरकार में सूचना जनसंपर्क मंत्री पूर्व सांसद महेश्वर हजारी के पुत्र सन्नी हजारी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। बिहार सरकार के दोनों मंत्रियों की संतान अपने पिता की पार्टी को छोड़ दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं।

वर्ष 2019 में समस्तीपुर (सु) से दिवंगत राम विलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के अशोक कुमार को पराजित किया। रामचंद्र पासवान के निधन के बाद वर्ष 2019 में ही हुये उपचुनाव में रामचंद्र पासवान के पुत्र प्रिंस राज ने जीत हासिल की थी।

ओडिशा में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान ड्रोन के इस्तेमाल पर पाबंदी

भुवनेश्वर
 ओडिशा सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राज्य की यात्रा के दौरान ड्रोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है और संबंधित जिलाधिकारियों से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम स्थलों को ‘ड्रोन निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित करने को कहा है।

ओडिशा पुलिस के आसूचना निदेशक ने सूचना एवं जन संपर्क निदेशक को पत्र लिखकर मीडिया संस्थानों को यह सूचना देने को कहा है।

प्रधानमंत्री मोदी की छह मई की ओडिशा यात्रा के दौरान सुरक्षा कर्मियों ने देखा था कि कुछ मीडिया कर्मियों ने मोदी की जनसभाओं और रोडशो के दौरान उनकी तस्वीरें लेने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया था जो उनके लिए खतरे वाला हो सकता था।

संबंधित जिलाधिकारियों को कहा गया है कि प्रधानमंत्री जिन भी स्थानों पर जाने वाले हैं, उन्हें ‘ड्रोन निषिद्ध क्षेत्र’ या ‘उड़ान निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित किया जाए।

आदेश के अनुसार, ‘‘वीवीआईपी (अत्यंत विशिष्ट व्यक्ति) के आसपास मीडिया कर्मियों, संस्थानों और आयोजकों द्वारा ड्रोन उड़ाने पर सख्ती से पाबंदी होगी।’’

प्रधानमंत्री 10 मई को ओडिशा के दो दिवसीय दौरे पर आएंगे। वह उस दिन भुवनेश्वर में एक रोडशो करेंगे और अगले दिन कंधमाल, बारागढ़ तथा बोलांगीर में जनसभाओं को संबोधित कर सकते हैं।

 

डीआरडीओ कृत्रिम मेधा आधारित निगरानी प्रणाली, अन्य परियोजनाओं के लिए आईआईटी भुवनेश्वर का सहयोग करेगा

भुवनेश्वर
 रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-एआई) संचालित निगरानी प्रणाली और अन्य परियोजनाओं के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भुवनेश्वर का सहयोग करेगा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

डीआरडीओ और आईआईटी भुवनेश्वर के अधिकारियों के बीच  यहां बैठक हुई, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार प्रणाली (ईसीएस) क्लस्टर, डीआरडीओ के महानिदेशक (डीजी) विनय दास और दोनों संस्थानों के कई वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान, डीआरडीओ के ईसीएस क्लस्टर की नौ स्वीकृत परियोजनाएं आईआईटी भुवनेश्वर को सौंपी गईं, जबकि अन्य सात परियोजनाएं 18 करोड़ रुपये की अनुदान राशि के साथ मंजूरी देने की प्रक्रिया में हैं।

अधिकारियों ने बताया कि आईआईटी भुवनेश्वर स्वीकृत परियोजनाओं पर काम करेगा जो कि एआई-संचालित निगरानी प्रणाली, पावर सिस्टम, रडार सिस्टम आदि में फायदेमंद होगा।

आईआईटी के ‘स्कूल ऑफ इलेक्ट्रिकल साइंसेज’ के प्रमुख एस.आर. सामंतराय ने कहा कि आईआईटी भुवनेश्वर और डीआरडीओ का सहयोग रक्षा अनुप्रयोगों की उभरती अनुसंधान और विकास आवश्यकता में योगदान देगा जिससे आत्मनिर्भर भारत के लिए एक मंच तैयार होगा।

उन्होंने कहा कि इस तरह का सहयोग रक्षा अनुसंधान कार्यक्रमों की वहनीयता को बढ़ाएगा और राष्ट्र निर्माण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा होगा।

 

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