निशांत देव ने पेरिस ओलंपिक में स्थान पक्का किया
निशांत देव ने पेरिस ओलंपिक में स्थान पक्का किया
निशांत देव ने मुक्केबाजी ओलंपिक क्वालीफायर्स के सेमीफाइनल में पहुंचकर पेरिस का कोटा हासिल
आईबीए से अलग हुआ भारत, विश्व मुक्केबाजी से जुड़ा
बैंकॉक
निशांत देव (71 किग्रा) को यहां मुक्केबाजी ओलंपिक क्वालीफायर्स के सेमीफाइनल में पहुंचकर पेरिस में होने वाले खेलों का कोटा हासिल करने वाले पहले भारतीय पुरुष मुक्केबाज बन गए।
विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता और पिछले क्वालीफायर्स में मामूली अंतर से ओलंपिक का टिकट कटाने से चुके निशांत ने क्वार्टर फाइनल में मोल्दोवा के वासिल सेबोटारी को 5-0 से हराकर कोटा हासिल किया।
भारत ने इस तरह से मुक्केबाजी में ओलंपिक के लिए चौथा कोटा स्थान हासिल किया। निशांत से पहले महिला मुक्केबाज निकहत जरीन (50 किग्रा), प्रीत पवार (54 किग्रा) और लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) पेरिस के लिए अपना टिकट पक्का कर चुकी हैं।
पुरुषों के 71 किग्रा भार वर्ग में पांच कोटा स्थान दांव पर लगे थे और इस तरह से निशांत ने सेमीफाइनल में जगह बनाकर पेरिस ओलंपिक में अपना स्थान पक्का किया।
टूर्नामेंट में अभी तक अपना दबदबा बनाए रखने वाले निशांत ने फिर से आक्रामक शुरुआत की और शुरू से ही दनादन मुक्के जड़कर अपने प्रतिद्वंद्वी को पस्त कर दिया।
सेबोटारी ने दूसरे राउंड में हावी होने की कोशिश की लेकिन भारतीय मुक्केबाज ने सटीक मुक्के जड़ना जारी रखा।
तीसरे और अंतिम राउंड में दोनों मुक्केबाज थके हुए नजर आए लेकिन निशांत ने तब भी अपनी आक्रामकता बनाए रखी। निशांत के नीचे गिरने पर सेबोटारी ने उन पर मुक्का जड़ा जिसके लिए उन्हें एक अंक भी गंवाना पड़ा।
इससे पहले अंकुशिता बोरो की एग्नेस एलेक्सियसन से 2-3 से हार के साथ ही भारत की महिलाओं के 60 किग्रा भार वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल करने की उम्मीदें भी समाप्त हो गई।
भारत की 23 वर्षीय खिलाड़ी ने अपनी स्वीडिश प्रतिद्वंदी के सामने कड़ी चुनौती पेश की लेकिन यूरोपीय खेलों की पूर्व पदक विजेता खिलाड़ी ने अपने अनुभव के दम पर बोरो को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
पूर्व विश्व युवा चैंपियन बोरो ने धीमी शुरुआत की लेकिन पहले राउंड के आखिर में उन्होंने लय हासिल कर ली थी जिससे वह एक जज को अपने पक्ष में करने में सफल रही।
पहले राउंड में 1-4 से पिछड़ने के बाद बोरो ने दूसरे राउंड में आक्रामक शुरुआत की और कुछ करारे मुक्के जमाए। स्वीडन की 28 वर्षीय खिलाड़ी एलेक्सियसन के पास उनका कोई जवाब नहीं था।
दोनों खिलाड़ियों ने समान परिणाम के साथ तीसरे राउंड में प्रवेश किया। भारतीय खिलाड़ी ने अच्छी शुरुआत की लेकिन वह इसे बरकरार नहीं रख पाई जबकि एलेक्सियसन ने अंत में अच्छा प्रदर्शन किया।
आईबीए से अलग हुआ भारत, विश्व मुक्केबाजी से जुड़ा
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने निलंबित आईबीए से नाता तोड़ लिया और ओलंपिक में खेल के भविष्य को लेकर खतरे से निपटने के लिये विश्व मुक्केबाजी से जुड़ गया।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने महीनों पहले चेताया था कि अगर राष्ट्रीय महासंघ अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) से जुड़े रहे तो 2028 लॉस एंजिलिस ओलंपिक से इस खेल को हटाया जा सकता है।
बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘मुक्केबाजी का ओलंपिक दर्जा बरकरार रहना खेल के लिये जरूरी है लिहाजा हम विश्व मुक्केबाजी से जुड़कर खुश हैं।’’ सिंह ने कहा कि वह खेल के भावी विकास के लिये विश्व मुक्केबाजी के कार्यकारी बोर्ड से मिलकर काम करेंगे ताकि दुनिया भर के मुक्केबाजों को उज्ज्वल भविष्य मिल सके।
विश्व मुक्केबाजी का गठन अप्रैल 2023 में किया गया। इसके अध्यक्ष आईबीए अध्यक्ष पद के पूर्व दावेदार बोरिस वान डेर वोर्स्ट हैं।
वान डेर वोर्स्ट ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी के लिये भारत बहुत महत्वपूर्ण देश है और हम बीएफआई का विश्व मुक्केबाजी परिवार में स्वागत करते हैं। यह बेहद रोमांचक कदम है जिससे एशिया में हमारी मौजूदगी बढेगी। हम बीएफआई के साथ मिलकर संयुक्त लक्ष्य के लिये काम करेंगे।’’
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने वित्तीय, खेल की अखंडता और प्रशासन संबंधी मसलों को लेकर 2019 में आईबीए की मान्यता रद्द कर दी थी। तोक्यो ओलंपिक के बाद पेरिस ओलंपिक में भी मुक्केबाजी स्पर्धायें आईओसी द्वारा आयोजित होंगी।