
चिराग पर नीतीश का तगड़ा हमला, JDU की पहली सूची में हाइफा; NDA में उठ सकते हैं सवाल
पटना
बिहार की राजनीति में आज नई हलचल देखी गई जब नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने विधानसभा चुनाव 2025 के लिए पहली 57 उम्मीदवारों की सूची जारी की। इस सूची ने चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के कुछ प्रमुख दावों पर सीधे चुनौती दी, जिससे गठबंधन के भीतर तनाव और नाराजगी की स्थिति बन सकती है। चिराग पासवान के लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के पांच प्रमुख दावों वाली सीटों – मोरवा, सोनबरसा, राजगीर, गायघाट और मटिहानी पर जेडीयू ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। ऐसा बताया जा रहा था कि ये सीटें पहले चिराग की झोली में जाने वाली थीं।
एनडीए में बढ़ेगा तनाव?
पिछले चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि मोरवा और गायघाट पर 2020 में आरजेडी का दबदबा था, राजगीर और सोनबरसा पर जेडीयू जीता था, जबकि मटिहानी पिछली बार लोक जनशक्ति पार्टी ने जीती थी, लेकिन विजयी राजकुमार सिंह बाद में जेडीयू में शामिल हो गए थे। इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के चलते इन सीटों पर सियासी निगाहें खास हैं और उम्मीदवारों की हर चाल का चुनावी मायने बढ़ गया है। इन सीटों पर जेडीयू का उम्मीदवार उतारना गठबंधन में संतुलन बदल सकता है और चिराग समर्थक ताकतों के साथ टकराव के अवसर बढ़ा सकता है जिससे एनडीए की मौजूदा स्थिति जटिल हो सकती है।
जेडीयू की लिस्ट में 3 बाहुबली भी शामिल
जेडीयू के उम्मीदवारों की सूची में तीन बाहुबली और कई अनुभवी नेता शामिल हैं। विशेष रूप से, मौजूदा सरकार के पांच कैबिनेट मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों से फिर मैदान में उतारे गए हैं। इसमें ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (नालंदा), जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी (सरायरंजन), सूचना व जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी (कल्याणपुर), समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी (बहादुरपुर) और मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा (सोनबरसा) शामिल हैं।
जेडीयू ने 30 नए चेहरों को उतारा
गौरतलब है कि जेडीयू की पहली सूची में 30 नए चेहरे और 27 पुराने प्रत्याशी शामिल हैं। चार महिला उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारा गया है, जिनमें मधेपुरा से कविता साहा, गायघाट से कोमल सिंह, समस्तीपुर से अश्वमेध देवी और विभूतिपुर से रवीना कुशवाहा का नाम शामिल है।