वारंगल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को तेलंगाना में लगभग 6,100 करोड़ रुपये की कई महत्वपूर्ण अवसंरचना विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और कहा कि 21वीं सदी के इस तीसरे दशक के हर पल का पूरा इस्तेमाल करना है, ताकि देश का कोई भी कोना तेज विकास की दौड़ में पीछे न छूटे।
इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बना है, तो उसमें तेलंगाना के लोगों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा, ‘‘आज जब पूरी दुनिया भारत में निवेश के लिए आगे आ रही है, विकसित भारत को लेकर इतना उत्साह है, तब तेलंगाना के सामने अवसर ही अवसर हैं।’’
मोदी ने कहा कि आज हर प्रकार से बुनियादी अवसंरचना के लिए पहले से कई गुना तेजी से काम हो रहा है और पूरे देश में राजमार्गां के साथ ही आर्थिक व औद्योगिक गलियारों का जाल बिछाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘आज का नया भारत, युवा भारत है और वह ऊर्जा से भरा हुआ है।
21वीं सदी के इस तीसरे दशक में हमारे पास ये स्वर्णिम समय आया है। हमें इस समय के हर सेकेंड का पूरा इस्तेमाल करना है। देश का कोई भी कोना, तेज विकास की किसी भी संभावना से पीछे नहीं रहना चाहिए।’’ इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले प्रधानमंत्री ने वारंगल के प्रसिद्ध भद्रकाली मंदिर में पूजा-अर्चना की।
मोदी की यह इस चुनावी राज्य की इस वर्ष तीसरी यात्रा है। इससे पहले, वह जनवरी और अप्रैल माह में तेलंगाना आए थे। तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय पर्यटन मंत्री और तेलंगाना में भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष जी किशन रेड्डी, भाजपा सांसद बंडी संजय कुमार और अन्य नेता इस अवसर पर उपस्थित थे।
गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि मोदी ने देश में बुनियादी ढांचे के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में अब तक 1.10 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं या तो पूरी हो चुकी हैं या निर्माणाधीन हैं या शुरू हो चुकी हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि 2024 के अंत तक तेलंगाना में दो लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं होंगी।’’ प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं की आधारशीला रखी, उनमें लगभग 5,550 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित की जाने वाली 176 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं प्रमुख हैं। इन परियोजनाओं में नागपुर-विजयवाड़ा कॉरिडोर का 108 किलोमीटर लंबा मंचेरियल-वारंगल खंड में शामिल है।
इस खंड से मंचेरियल और वारंगल के बीच की दूरी में लगभग 34 किलोमीटर की कमी आएगी, जिससे यात्रा अवधि घट जाएगी और एनएच-44 तथा एनएच-65 पर यातायात की आवाजाही और बेहतर होगी। प्रधानमंत्री ने एनएच-563 के 68 किलोमीटर लंबे करीमनगर-वारंगल खंड को मौजूदा दो लेन से चार लेन में उन्नत करने संबंधी परियोजना की भी आधारशिला रखी। इसके अलावा, उन्होंने रेलवे विनिर्माण इकाई, काजीपेट की आधारशिला रखी। करीब 500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित की जाने वाली इस आधुनिक विनिर्माण इकाई से वैगन निर्माण क्षमता में वृद्धि होगी।