नई दिल्ली : टीएमसी का राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन के निलंबन पर अभी आखिरी फैसला नहीं लिया गया है। यह मामला अभी राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के पास लंबित है। इससे पहले सदन के नेता पीयूष गोयल ने “सदन की कार्यवाही में लगातार बाधा डालने, सभापति की अवज्ञा करने और सदन में लगातार अशांति पैदा करने के लिए” उनके निलंबन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अभी निलंबन पर आखिरी फैसला नहीं लिया गया है। हमें सदन की भावना भी समझनी होगी।
सदन की कार्यवाही में लगातार बाधा डालने पर एक्शन
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने “सदन की कार्यवाही में लगातार बाधा डालने, सभापति की अवज्ञा करने और सदन में लगातार अशांति पैदा करने’ पर उनके निलंबन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था। इससे पहले आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को भी सस्पेंड किया जा चुका है।
TMC MP in Rajya Sabha Derek O'Brien suspended for the remainder of the current Parliament session "for unruly behaviour unbecoming of a Member of Rajya Sabha."
Leader of the House Piyush Goyal moved a motion for his suspension "for continuously disturbing the proceedings of the… https://t.co/cWFJvhRmYt pic.twitter.com/o6sU758QiX
— ANI (@ANI) August 8, 2023
डेरेक ओ ब्रायन के निलंबन के बाद विपक्ष के सांसदों ने जमकर हंगामा किया जिसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थ। इससे पहले दिल्ली सर्विस बिल पर बहस के दौरान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सांसद डेरेक ओ ब्रायन की खिंचाई करते हुए कहा था कि आप केवल बाधा डालने और परेशान करने के लिए खड़े हो रहे हैं।
डेरेक को चार बार दी गई थी चेतावनी
दरअसल, राज्यसभा में मणिपुर चर्चा को लेकर हंगामा हो रहा था। इसी बीच डेरेक ओ ब्रायन खड़े होकर कहने लगे कि मणिपुर पर चर्चा होनी चाहिए। सभापति ने उनसे शांत रहने की बार-बार अपील की लेकिन वे नहीं माने। तब सभापित धनखड़ काफी नाराज हो गए। तभी पीयूष गोयल उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए । इसके तुरंत बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी ने कहा कि वे(डेरेक ओ ब्रायन) इस तरह की कार्रवाई एक तरह से न्यौता दे रहे थे। मुझे लगता है कि उन्हें पहले ही चार बार चेतावनी दी गई थी लेकिन वे नहीं माने। इसलिए, मुझे लगता है कि सभापति के पास कोई अन्य विकल्प नहीं था।