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हरियाणा के चंडीगढ़ में बनेगी उत्तर भारत की पहली एक्सपोर्ट टेस्टिंग लैब, इन राज्यों को होगा जोरदार फायदा

चंडीगढ़ | पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर भारत के अन्य राज्यों से निर्यात बढ़ाने के लिए चंडीगढ़ में पहली निर्यात परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी. इसके लिए औद्योगिक क्षेत्र के फेज- 1 में जगह का चयन किया गया है. यह लैब केंद्रीय उद्योग मंत्रालय के सहयोग से बनाई जाएगी. माना जा रहा है कि इस लैब के बनने के बाद उत्तरी राज्यों की निर्यात क्षमता में काफी इजाफा होगा.

अंतराष्ट्रीय स्तर की होगी यह लैब

चंडीगढ़ में बनने वाली लैब अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी, जहां विभिन्न राज्यों से सेब, बासमती चावल, कीनू आदि के निर्यात के लिए फाइटोसैनेटिक सर्टिफिकेट का काम किया जाएगा. प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए स्थान सिटको द्वारा प्रदान किया जाएगा और लागत वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय और यूटी प्रशासन के उद्योग विभाग द्वारा वहन की जाएगी. मंत्रालय प्रमाणीकरण के लिए एजेंसी तय करेगा जो विभिन्न देशों के मानकों के अनुसार बोली प्रक्रिया और निविदा दस्तावेज तैयार करेगी.

कई तरह के सामानों की चंडीगढ़ में होगी टेस्टिंग

मंत्रालय का प्रयास है कि जो टेस्टिंग फिलहाल देश के सामान को विदेश ले जाकर की जाती है वो अब अपने देश में भी हो सके. प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि चंडीगढ़ में टेस्टिंग लैब बनने से काफी फायदा होगा. इस टेस्ट की फीस काफी ज्यादा होती है जो विदेश जा रहे हैं क्योंकि देश में टेस्टिंग लैब की सुविधा बहुत कम है. कहा कि चंडीगढ़ में उद्योग और कृषि बहुत कम है लेकिन सभी राज्यों से कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है. इसलिए यह शहर के लिए बहुत अच्छा साबित होगा. यहां एक अलग तरह का उद्योग शुरू होगा.

परीक्षण के लिए भेजा जाता है दुबई और सिंगापुर

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अव्वल राज्यों की पहचान की गई है. उसके बाद देखा गया कि इन चीजों के निर्यात में कहां अड़चनें आ रही हैं. यह पाया गया कि हिमाचल प्रदेश के सेब, पंजाब-हरियाणा के बासमती चावल आदि सिर्फ उत्तर भारत में निर्यात परीक्षण प्रयोगशालाओं की कमी के कारण कई देशों को निर्यात नहीं किए जा सकते हैं जो टेस्टिंग लैब मौजूद हैं, वे अंतरराष्ट्रीय स्तर की नहीं हैं. जिससे देश का माल यूरोपीय देशों में नहीं जा पा रहा है.

सिंगापुर जांच कर यूरोपीय देशों में भेजी जाती है रिपोर्ट

परीक्षण के लिए माल सिंगापुर और दुबई को परीक्षण के लिए भेजा जाता है, जहां से उस रिपोर्ट को यूरोपीय देशों में भेजा जाता है. जो पास होते हैं वे बाहर जाते हैं और जो असफल होते हैं वे वापस आ जाते हैं. इससे सेब की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान होता है.

एक्सपोर्ट टेस्टिंग लैब के लिए मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के साथ मीटिंग हो चुकी है. इसमें सिटको की ओर से जगह उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा गया है. लैब अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप स्थापित की जाएगी। यह लैब चंडीगढ़ के लिए भी फायदेमंद होगी

– नितिन यादव, गृह सचिव, चंडीगढ़

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