राफेल के साथ अब एक मानवरहित ड्रोन विमान भी उड़ान भरेगा, फ्रांसीसी कंपनी अगली पीढ़ी F5 बना रही
पेरिस
फ्रांस का लड़ाकू विमान राफेल पूरी दुनिया में सफलता के नए प्रतिमान गढ़ रहा है। भारत से लेकर कतर तक ने फ्रांस को जमकर ऑर्डर दिए हैं। इससे राफेल बनाने वाली कंपनी डसाल्ट एविएशन की चांदी हो गई है। अब फ्रांसीसी कंपनी राफेल मल्टी रोल जेट की अगली पीढ़ी F5 बना रही है जो हवा में ही 'शाही बॉडीगार्ड' से लैस होगा। दरअसल, फ्रांसीसी कंपनी चाहती है कि हवा में राफेल के साथ एक मानवरहित ड्रोन विमान भी उड़ान भरे। यह ड्रोन राफेल के पायलट के इशारे पर काम करेगा और दुश्मन को तबाह करने में मदद करेगा। फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टिअन लेकोर्नू ने राफेल के घर कहे जाने वाले सेंट डिजिअर एयरबेस पर इस ड्रोन का ऐलान किया। यह ड्रोन पहले के nEUROn UCAV प्राजेक्ट के आधार पर तैयार किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक nEUROn UCAV का ट्रायल के दौरान पायलट वाले लड़ाकू विमानों के साथ पहले ही इस्तेमाल किया जा रहा है। डसॉल्ट कंपनी के सीईओ एरिक ट्रैप्पियर ने कहा, 'यह रेडार की पकड़ में नहीं आने वाला लड़ाकू ड्रोन विमान साल 2033 तक फ्रांसीसी एयर फोर्स को तकनीकी और ऑपरेशनल बढ़त दिलाएगा।' यह ड्रोन विमान कई तरह की क्षमताओं से लैस होगा और इसे शामिल किया जाएगा। इस ड्रोन का अभी कोई नाम नहीं रखा गया है और यह राफेल का पूरक होगा। यह ड्रोन और राफेल दोनों मिलकर युद्ध के मैदान में काम करेंगे।
राफेल F5 जेट का ड्रोन क्यों है बेहद खास ?
इस यूएवी के अंदर ही एक आंतरिक पेलोड होगा। इस ड्रोन में ऑटोनॉमस कंट्रोल और राफेल का पायलट इसे आसानी से उड़ा सकेगा। डसॉल्ट ने बताया कि यह ड्रोन विमान कई गुणों से लैस होगा और भविष्य में आने वाले खतरों को ध्यान में रखकर इसे आगे भी विकसित किया जा सकेगा। कंपनी ने इस किलर ड्रोन के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी है। बता दें कि फ्रांस एक परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र है और वह अब राफेल की मदद से परमाणु प्रतिरोधक क्षमता रखता है। इससे पहले मिराज फाइटर परमाणु बम गिराने के लिए तैयार किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक भविष्य में किलर ड्रोन परमाणु मिशन के दौरान आकाश में आने वाले खतरों को दूर करेगा और इसके बाद राफेल आराम से एटम बम गिरा सकेगा। राफेल का एफ-5 वर्जन नए ड्रोन के साथ साल 2060 तक फ्रांस की वायुसेना में बना रह सकेगा। राफेल के एफ-5 वर्जन के लिए शुरुआती अध्ययन हो चुका है और साल 2026-27 में इसका पूरा विकास शुरू हो जाएगा। इससे आने वाले समय में यह राफेल नए ड्रोन के साथ उड़ान भर सकेगा। आने वाले दिनों में फ्रांस राफेल को ASN4G से लैस करने जा रही है जो फ्रांसीसी वायुसेना का स्टैंडऑफ न्यूक्लियर वेपन है।
भारत को भी हो सकता है बड़ा फायदा
इस नए राफेल नई क्रूज मिसाइल, एयर टु-एयर मिसाइल और नई एंटी शिप हाइपरसोनिक मिसाइल लगाने की भी योजना है। राफेल एफ-5 संस्करण दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को मुख्य रूप से निशाना बनाएगा। नए राफेल को इस तरह से बनाया जाएगा कि वह दुश्मन की नजर में नहीं आए और अगर हमला हो तो बचाव भी कर सके। फ्रांस अगर यह नया राफेल बनात है तो इससे भारत को भी बड़ा फायदा हो सकता है। भारत 100 से ज्यादा लड़ाकू विमान खरीदना चाहता है और इससे पहले भारतीय वायुसेना में राफेल को शामिल किया जा चुका है। भारत अब नौसेना के लिए भी राफेल खरीद रहा है। ऐसे में भविष्य में भारत को भी इस परमाणु बम गिराने वाले ड्रोन से लैस राफेल का ऑफर मिल सकता है।