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अब एम्स भोपाल में यूरिनल थैली के ट्यूमर, स्टोन जैसे दस छोटे आपरेशन के लिए दो माह तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा

भोपाल
अब एम्स भोपाल में यूरिनल थैली के ट्यूमर, स्टोन जैसे दस छोटे आपरेशन के लिए दो माह तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इन आपरेशन के लिए जहां निजी अस्पतालों में 50 हजार रुपये तक का खर्चा आता है, वहीं अब एम्स भोपाल में यह आपरेशन मात्र 500 रुपये में हो सकेंगे। अब यह समस्या गुरुवार को शुरू हुए सिस्टोस्कोपी कक्ष से खत्म हो जाएगी।

इस कक्ष में ऐसे रोजाना 10 से 12 छोटे आपरेशन होंगे, जिनके लिए अब तक आपरेशन थिएटर की जरूरत पड़ती थी। यही नहीं मरीज को इन छोटे आपरेशन वाले दिन ही डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा। इसके साथ ही यहां यूरिनल थैली के ट्यूमर व स्टोन निकाले जा सकेंगे। इतना ही नहीं, सिस्टोस्कोपी कक्ष में मूत्र मार्ग के कैंसर की जांच भी हो सकेगी। मूत्र मार्ग में ब्लीडिंग की समस्या को भी रोका जा सकेगा।

इस कक्ष में प्रोस्टेट आपरेशन से पहले की जांच समेत यूरोलाजी विभाग से जुड़े अन्य छोटे आपरेशन हो सकेंगे। किडनी से पथरी निकालने के बाद मूत्र नलिका में डीजे स्टेंट लगाया जाता है, जिससे किसी तरह की रुकावट न आए। इसे सर्जरी के 14 से 21 दिन में निकालना होता है। यह भी इस कक्ष में हो सकेगा।

इनके लिए निश्शुल्क सुविधा
यूरोलाजी विभाग के एचओडी डा. देवाशीष कौशल ने बताया कि विभाग के इन सभी छोटे आपरेशन के लिए निजी अस्पतालों में लगभग 50 हजार तक का खर्च आता है। वहीं यह सुविधा एम्स भोपाल में सिर्फ 500 रुपये में मिलेगी। वहीं बीपीएल और आयुष्मान मरीजों के लिए निश्शुल्क रहेगी। यहां सभी मरीजों को सुबह डे केयर में भर्ती किया जाता है। सर्जरी के बाद उसी दिन शाम को डिस्चार्ज कर दिया जाता है। पिछले एक वर्ष में अस्पताल में दो हजार के करीब आपरेशन हुए। अब तीन हजार से ज्यादा हो सकेंगे।

प्रो. डा. अजय सिंह, कार्यपालक निदेशक, एम्स भोपाल ने बताया- यूरोलाजी विभाग में शुरू किए गए सिस्टोस्कोपी कक्ष से भविष्य में और अधिक मरीजों के छोटे आपरेशन किए जा सकेंगे। इसके लिए लोगों को लंबा इंतजार नहीं करना होगा। यह सभी आपरेशन डे-केयर के अनुसार किए जाएंगे।

 

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