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पंजाब में अब दवा विक्रेताओं की खेर नहीं, ट्रामाडोल टेबलेट व 9 लाख कोडीन के साथ पकड़ा गया, मच गया हड़कंप
अमृतसर
रइया (अमृतसर) के नकली एम.बी.बी.एस. डॉक्टर से 1332 ट्रामाडोल टेबलेट पकड़े जाने की जांच जब केन्द्रीय एजैंसी एन.सी.बी. की तरफ से शुरू की गई तो पता चला कि इसमें अमृतसर व आसपास के 5 दवा विक्रेता शामिल थे जो नशीली दवाएं बेचने का काम कर रहे थे। इस मामले में आगे बढ़ते हुए अब एन.सी.बी. की टीम ने हरिद्वार में स्थित जे.आर. फार्मा के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है जो ट्रामाडोल टेबलेट व 9 लाख कोडीन के साथ पकड़ा गया है। उक्त फर्म की तरफ से अवैध रूप से इन दवाओं का निर्माण किया जा रहा था और अवैध रूप से इन दवाओं की बिक्री भी की जा रही थी। इस मामले में फर्म के मालिक सहित कुल 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और जांच में अभी और बड़े खुलासे होने की संभावना है। पता चला है कि उक्त फर्म की तरफ से 2.50 करोड़ ट्रामाडोल टेबलेट की सप्लाई की जा चुकी है और लाखों की संख्या में कोडीन सिरप भी अवैध तरीके से बेचे जा चुके हैं।
रेलवे स्टेशन का टैक्स माफिया भी करता है नशीली दवाओं की सप्लाई
लाखों की संख्या में ट्रामाडोल व कोडीन सिरप अमृतसर व अन्य जिलों में कैसे आते थे, की भी एन.सी.बी. की तरफ से जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि रेलवे स्टेशन का टैक्स माफिया भी इन प्रतिबंधित दवाओं की ढुलाई का काम करता है। इससे पहले एक टैक्स माफिया गैंग के सदस्य के गोदाम में सी.आई.ए. स्टाफ ने लाखों की संख्या में ट्रामाडोल टेबलेट जब्त किए थे। फिलहाल एक बार फिर से एन.सी.बी. के लिए यह चुनौती है कि इतनी भारी मात्रा में ट्रामाडोल टेबलेट अमृतसर के इलाके में कैसे सप्लाई की जाती थी।
विभाग के राडार में कुछ और फर्में
करोड़ों की संख्या में ट्रामाडोल सप्लाई करने वाली उक्त फर्म का पर्दाफाश होने के बाद विभाग के राडार पर पंजाब कुछ और फर्में भी आ चुकी हैं जो इस प्रकार की प्रतिबंधित नशीली दवाएं बनाने और सप्लाई करने का काम करती हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और फर्मों के खुलासे हो सकते हैं जो लोगों को नशे का शिकार बना रहे हैं और अपना आर्थिक लाभ हासिल करने के लिए लोगों की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ कर रही है।
अफ्रीका में भी कफ सिरप के सैंपल हो चुके हैं फेल
एक दवा निर्माता कम्पनी की तरफ से अफ्रीका में सप्लाई किए गए कफ सिरप के सैंपल भी फेल हो चुके हैं क्योंकि इसका सेवन करने से बच्चे बीमार हो गए थे जिसके बाद वहां की सरकार की तरफ से इन दवाओं के सैंपल चैक करवाए गए जो ठीक नहीं निकले और लाखों की संख्या में इन कफ सिरप को वापस भेज दिया गया।
ड्रग विभाग की लापरवाही भी आई सामने
लाखों की संख्या में प्रतिबंधित दवाएं पकड़े जाने के बाद ड्रग विभाग की लापरवाही भी सामने आ चुकी है और यह साबित हो चुका है कि नशीली दवाओं की बिक्री करने वाले किसी ना किसी तरीके नशीली दवाओं को बेचने व स्टोर करने का काम जारी रखे हुए हैं फिलहाल आने वाले दिनों में कुछ और दवा विक्रेताओं के खुलासे हो सकते हैं।