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नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा: हाई कोर्ट में पहुंचने के बाद कॉलेजों पर कसावट की जगह उन्हें लाभ पहुंचाने वाले नियम

भोपाल
नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा उजागर होने और मामला हाई कोर्ट में पहुंचने के बाद सरकार ने नर्सिंग कॉलेजों के मान्यता नियमों में फरवरी, 2024 में बदलाव किया, पर ये नियम भी उन्हें लाभ पहुंचाने वाले थे। इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आइएनसी) के अनुसार कालेज शुरू करने के लिए पहले 23 हजार वर्गफीट फ्लोर एरिया की आवश्यकता होती थी, जिसे वर्ष 2024 में आठ हजार वर्गफीट कर दिया गया। राज्य सरकार ने इसके पहले वर्ष 2018 में नियम बनाए थे। इसकी तुलना में वर्ष 2024 में सभी मापदंडों में ढील दी गई थी। लाइब्रेरी, लेक्चर हाल, कंप्यूटर हाल, स्टाफ रूम सहित सभी जगह का क्षेत्रफल कम कर इसे 8150 वर्गफीट किया गया था। यह निर्णय शासन स्तर पर हुआ था।
 
लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की याचिका पर हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। अब कोर्ट ने मंगलवार को पुराने नियमों से ही नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के लिए कहा है। हालांकि, प्रस्ताव में कई ऐसे बिंदु शामिल थे, जिससे नर्सिंग कॉलेजों की गुणवत्ता में सुधार आता, पर सरकार ने उन्हें लागू नहीं किया था। नर्सिंग कॉलेजों में फैकल्टी के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य नहीं किया गया है, जबकि मेडिकल कॉलेजों के लिए यह व्यवस्था है।

इन नियमों में भी दी ढील
यहां के कॉलेजों में फैकल्टी के रूप में सेवा देने के लिए मप्र नर्सिंग काउंसिल में पंजीयन अनिवार्य नहीं किया। ऐसे में दूसरे राज्यों के नर्सिंग काउंसिल में पंजीकृत फैकल्टी निरीक्षण के दौरान कॉलेजों में अपना नाम दर्ज कराते हैं और बाद में चले जाते हैं। कॉलेज के लिए खुद का भवन भी जरूरी नहीं है। किराये के भवन में भी संचालित हो सकते हैं।

नर्सिंग कालेजों से रिश्वत लेने-देने के आरोप में गिरफ्तार 13 आरोपितों में से चार को सीबाआइ ने एक मई तक यानी तीन दिन के लिए और पुलिस हिरासत में लिया है। पूछताछ पूरी नहीं होने के कारण रिमांड अवधि बढ़ाई गई है। इनमें सीबीआइ का बर्खास्त निरीक्षक राहुल राज ,ओम गिरी गोस्वामी, जुगल किशोर शर्मा और रवि प्रताप सिंह भदौरिया शामिल हैं। भदौरिया के यहां गमी होने के कारण उन्हें एक घंटे के लिए अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति भी न्यायालय ने दी है।

बता दें कि सभी आरोपितों को सीबीआइ दिल्ली की विशेष टीम ने 20 मई को भोपाल, इंदौर, रतलाम आदि स्थानों से गिरफ्तार किया था। इन्हें 29 मई तक रिमांड पर लेकर पूछताछ के लिए सीबीआइ दिल्ली लेकर गई थी। रिमांड पूरी होने के पहले ही सीबीआइ ने नौ आरोपितों को मंगलवार को भोपाल में सीबीआइ के विशेष न्यायालय में पेश किया था, जहां से जेल भेज दिया गया। उधर, आरोपित प्रीति तिलकवार, वेद प्रकाश शर्मा, सचिन जैन की ओर से कोर्ट में ज़मानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिस पर 31 मई को सुनवाई होगी।

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