ओडिशा में शुक्रवार को तीन ट्रेनों की भारी टक्कर में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 900 से अधिक लोग घायल हो हुए है। यहा न केवल हाल के दिनों में बल्कि आजादी के बाद की सबसे घातक दुर्घटनाओं में से एक है। शुक्रवार को, चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ओडिशा के बालासोर में बहनागा बाजार स्टेशन के पास पटरी से उतर गई और हावड़ा जाने वाली बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस से टकरा गई। इसके बाद कोरोमंडल के पटरी से उतरे डिब्बे वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गए। हालांकि, आज से 14 साल पहले भी कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी।
14 साल पहले की कहानी
शुक्रवार की त्रासदी ने 2009 के कोरोमंडल हादसे की यादें ताजा कर दीं, जिसमें करीब 16 यात्रियों की मौत हो गई थी। वह 13 फरवरी, 2009 की शुक्रवार की एक और दुर्भाग्यपूर्ण रात थी। 2009 की दुर्घटना तब हुई थी जब ट्रेन बहुत तेज गति से जाजपुर रोड रेलवे स्टेशन से गुजर रही थी और ट्रैक बदल रही थी। ट्रेन का इंजन एक ट्रैक पर चला गया और पलट गया, जबकि डिब्बे सभी दिशाओं में बिखर गए। 2009 की दुर्घटना भी शाम को हुई थी – शाम 7.30 बजे से 7.40 बजे के बीच। चौदह साल बाद, शुक्रवार की रात (2 जून, 2023) को फिर से वही एक्सप्रेस ट्रेन ओडिशा में पटरी से उतर गई, जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए हैं।
बचाव अभियान पूरा
ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने तथा एक मालगाड़ी से टकराने से जुड़े रेल हादसे में मृतक संख्या शनिवार को बढ़कर 261 हो गई और दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान पूरा हो गया है। दक्षिण पूर्वी रेलवे (एसईआर) के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। एसईआर प्रवक्ता आदित्य चौधरी ने कहा, ‘‘शुक्रवार को हुई दुर्घटना में मृतक संख्या बढ़कर 261 हो गई है और अन्य 650 घायलों का ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है।’’