अन्य राज्यउत्तर प्रदेश

प्राण प्रतिष्ठा के एक महीने में ही रामलला को 100 करोड़ का चढ़ावा

अयोध्या

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से लेकर अब तक एक महीने में एक अरब से अधिक का चढ़ावा आ चुका है। यह वह चढ़ावा है जो कि श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र को चेक अथवा रसीद के माध्यम से भक्तों ने समर्पित किया है। इसके अलावा दान पात्र और आनलाइन बैंक खाते में भेजी जाने वाली धनराशि अलग है। इसका हिसाब बैंक के जरिए ही प्राप्त होगा। इसके बारे में भारतीय स्टेट बैंक की अयोध्या शाखा के प्रबंधक गोविंद मिश्र कानूनी बाध्यताओं का हवाला देते हुए सार्वजनिक करने से इन्कार कर देते हैं।

वहीं तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि बताते हैं कि 19 जनवरी से 20 फरवरी के मध्य ही 50 करोड़ से अधिक धनराशि भक्तों की ओर से समर्पित की जा चुकी है। वहीं चार दिन पहले जमशेदपुर झारखंड की एक कंपनी की ओर से रामलला को 11 करोड़ की धनराशि समर्पित की गयी है। शनिवार को संत मोरारी बापू ने तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय को 10 करोड़ की राशि समर्पित की है। वहीं श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र व एसबीआई के बीच हुए नये अनुबंध के मुताबिक बैंक कर्मचारियों ने राम मंदिर के दान काउंटर का जिम्मा संभाल लिया है।

मंदिर ट्रस्ट को रामनवमी उत्सव के दौरान दान में वृद्धि की उम्मीद है,क्योंकि उस समय लगभग 50 लाख भक्तों के अयोध्या आने की संभावना हैं. प्रकाश गुप्ता के मुताबिक, उम्मीद है कि रामनवमी के दौरान चंदे के रूप में बड़ी मात्रा में नकदी मिल सकती है जिसके मद्देनजर भारतीय स्टेट बैंक ने राम जन्मभूमि पर चार स्वचालित गणना मशीनें लगाई हैं. उन्होंने कहा,'ट्रस्ट द्वारा रसीदें जारी करने के लिए एक दर्जन कम्प्यूटरीकृत काउंटर बनाए गए हैं और राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर परिसर में अतिरिक्त दान पेटियां रखी जा रही हैं.'

राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी ने बताया,'जल्द ही राम मंदिर परिसर में एक बड़ा और सुसज्जित गणना कक्ष बनाया जाएगा." मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने बताया कि रामलला को उपहार स्वरूप मिले सोने-चांदी के आभूषणों और बहुमूल्य सामग्रियों के मूल्यांकन के लिए उन्हें पिघलाने और रख-रखाव की जिम्मेदारी भारत सरकार टकसाल को सौंपी गई है. मिश्रा ने बताया कि इसके साथ ही भारतीय स्टेट बैंक और ट्रस्ट के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.

समझौता ज्ञापन के अनुसार, स्टेट बैंक दान, चेक, ड्राफ्ट और नकदी एकत्र करने और इसे बैंक में जमा करने की पूरी जिम्मेदारी लेगा. मिश्रा ने बताया कि स्टेट बैंक की टीम ने कर्मियों की संख्या बढ़ाकर अपना काम शुरू कर दिया है और रोजाना दो पालियों में दान की गई नकदी की गिनती की जा रही है.

विदेशों से भी भक्तों ने समर्पित की धनराशि

महंत गोविंद देव गिरि बताते हैं कि पत्र-पुष्प समर्पित करने का आग्रह किया गया था तो18-19 करोड़ की धनराशि समर्पित हुई। इसमें एनआरआई भी थे लेकिन एफसीआरए में खाता नहीं होने के चलते 11 करोड़ की धनराशि दी जा सकी थी। उसकी अवशेष राशि में कुछ अतिरिक्त धनराशि भी समर्पित की गई।

संत मोरारी बापू ने रामलला के लिए भिजवाया 56 भोग

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में रामकथा का नौ दिवसीय अनुष्ठान कर रहे संत मोरारी बापू प्रतिदिन रामलला के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। उन्होंने रामलला को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग भी लगवाया। यह भोग रविवार को लगाया गया। इस मौके पर बापू व एसपी जालान मौजूद रहे।

मंदिरों का औसत चढ़ावा

  • शिरडी साईं मंदिर मंदिर में सालाना करीब 630 करोड़ रुपये का चढ़ावा और दान आता है।
  • वैष्णो देवी मंदिर सालाना 500 करोड़ और रोजाना 1.36 करोड़ का चढ़ावा आता है।
  • पद्मनाभ स्वामी मंदिर 500 करोड़ रुपये दान और चढ़ावा हर साल मंदिर में आता है।
  • तिरुपति बालाजी हर साल करीब 600 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ता है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
slot gacor toto 4d slot toto slot gacor thailand slot777 slot tergacor https://mataerdigital.com/ istanapetir slot gacor cupangjp situs maxwin ayamjp gampang menang slot online slot gacor 777 tikusjp situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot
lemonadestand.online monitordepok.com portal.pramukamaros.or.id elibrary.poltektranssdp-palembang.ac.id cutihos.wikaikon.co.id pmb.umpar.ac.id industri.cvbagus.co.id ppdb.smpn1mantup.sch.id taqwastory.sma1bukitkemuning.sch.id media.iainmadura.ac.id omedia.universitasbumigora.ac.id pik.omedia.universitasbumigora.ac.id https://threadsofhopetextiles.org/bekleng/indexing/ metro.jrs.or.id sim.kotaprabumulih.go.id web.sip.pn-kotaagung.go.id web.unras.ac.id