राष्ट्रीय

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ न्यायालय में सर्वश्रेष्ठ वकील नियुक्त किए: उमर अब्दुल्ला

श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी ने अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में सर्वश्रेष्ठ वकीलों को नियुक्त किया है। इसके साथ ही उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि न्यायाधीश उनके तर्कों से सहमत होंगे। उन्होंने कहा, “हम लड़ रहे हैं और हम न्याय की उम्मीद को लेकर वहां गये हैं।

हमने कोई कसर नहीं छोड़ी है, हमने सर्वश्रेष्ठ वकीलों को नियुक्त किया और उनके प्रदर्शन की सभी ने सराहना की है। सुनवाई चल रही है और हमें उम्मीद है कि न्यायाधीश हमारे तर्कों से सहमत होंगे। यह चलता रहेगा और हम इंतजार कर रहे हैं।” इससे पहले पार्टी मुख्यालय नवा-ए-सुबह में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी उच्चतम न्यायालय में मुकदमा लड़ने के लिए कपिल सिब्बल और गोपाल सुब्रमण्यम को नियुक्त करने से बेहतर कुछ नहीं कर सकती थी।

पार्टी उपाध्यक्ष ने कहा, “हमने सर्वश्रेष्ठ वकीलों को नियुक्त किया। कपिल सिब्बल और गोपाल सुब्रमण्यम देश के शीर्ष पांच वकीलों में से दो हैं… जीत या हार भगवान के हाथ में है। इंसान सिर्फ कोशिश ही कर सकता है और हमने कोई कसर नहीं छोड़ी। अब, हमें ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि वह हमें सफलता दे।”

शेर-ए-कश्मीर के नाम से मशहूर नेशनल कॉन्फ्रेंस संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला का नाम जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा विभिन्न सरकारी इमारतों से हटाने के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों के दिलों से उनके दादा का नाम कोई नहीं मिटा सकता। अबदुल्ला ने कहा, “आप इमारतों से उनका नाम हटा सकते हैं लेकिन (लोगों के) दिलों से नहीं।

अगर आप एसकेआईसीसी या क्रिकेट स्टेडियम या अस्पतालों से शेर-ए-कश्मीर का नाम हटा देंगे तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। आप सच को छुपा नहीं सकते। प्रधान न्यायाधीश ने लोगों के सामने उस सच्चाई को ताजा कर दिया है।” जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शीर्ष अदालत में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की टिप्पणियों का जिक्र कर रहे थे।

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद के कश्मीर के मुसलमान को लेकर दिये गये बयान के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, “मुझे नहीं पता कि उन्होंने यह किस संदर्भ में कहा है या ऐसा कहकर वह किसे खुश करना चाहते हैं।” आजाद ने कहा था कि कश्मीर में ज्यादातर मुसलमान हिंदू धर्म से धर्मांतरित हैं।

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