उचित मूल्य दुकानों द्वारा वितरित राशन सामग्री पर देय कमीशन का ऑनलाईन भुगतान शुरू
उचित मूल्य दुकानों द्वारा वितरित राशन सामग्री पर देय कमीशन का ऑनलाईन भुगतान शुरू
उज्जैन जिले से हुआ शुरूआत, बड़वानी, विदिशा एवं मुरैना जिलों में भी शुभारंभ
अगले माह से शेष जिलों शुरू होगी ऑनलाईन भुगतान व्यवस्था
एसीएस स्मिता भारद्वाज ने की खाद्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा
भोपाल
प्रदेश में उचित मूल्य दुकानों को कमीशन का ऑनलाईन भुगतान व्यवस्था प्रारम्भ की गई है। उज्जैन जिले से इसकी शुरूआत हो गई है। साथ ही बड़वानी, विदिशा एवं मुरैना जिले में भी आज से ऑनलाईन भुगतान व्यवस्था शुरू हो गई है। अगले माह से शेष जिलों की उचित मूल्य दुकानों को भी ऑनलाईन कमीशन भुगतान की व्यवस्था की जायेगी।
अपर मुख्य सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्रीमती स्मिता भारद्वाज ने उज्जैन जिले की 790 उचित मूल्य दुकानों को राशन वितरण पर देय कमीशन का ऑनलाईन भुगतान व्यवस्था शुरू की।
प्रदेश में 27651 उचित मूल्य दुकानों से 5.30 करोड़ पात्र हितग्राहियों को प्रतिमाह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनांतर्गत (पीएमजीकेएवाय) नि:शुल्क खाद्यान्न एवं शक्कर, नमक के साथ अन्य योजनाएँ- मध्यान्ह भोजन, एकीकृत महिला बाल विकास योजना, कल्याणकारी संस्थाओं (केकेवाय) एवं छात्रावास में खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है।
पीएमजीकेएवाय एवं अन्य कल्याणकारी योजनांतर्गत माह की एक तारीख से माह अंत तक उचित मूल्य दुकान से वितरित राशन सामग्री का डाटा एनआईसी हैदराबाद द्वारा एपीआई के माध्यम से एनआईसी भोपाल को उपलब्ध करवाई गई है। योजनावार वितरित राशन सामग्री एवं निर्धारित दर अनुसार दुकानवार कमीशन की गणना एनआईसी भोपाल द्वारा की गई है।
उचित मूल्य दुकानों को कमीशन भुगतान केलिये एनआईसी भोपाल के माध्यम से नये साफ्टवेयर का निर्माण करवाया गया। उचित मूल्य दुकानों को ऑनलाईन कमीशन भुगतान के लिये संस्थाओं के बैंक खाते, आईएफएससी संकलन एवं संस्था का नाम, दुकान का नाम, प्रबंधक, विक्रेता आदि का भी सत्यापन जिला एवं राज्य स्तर पर करवाया गया है। इससे संस्थाओं के सही बैंक खाते में कमीशन का भुगतान निर्बाध रूप से हो सकेगा।
उचित मूल्य दुकानों को कमीशन भुगतान के लिये आगामी माह से समय-सीमा तय
उचित मूल्य दुकानों को ऑनलाईन कमीशन भुगतान से सुविधा होगी। राज्य, जिला एवं उचित मूल्य दुकान स्तर पर भुगतान की जाने वाली राशि प्रदर्शित होगी। सभी योजनांतर्गत वितरित खाद्यान्न एवं राशन सामग्री का कमीशन उचित मूल्य दुकानों को एकसाथ प्राप्त हो सकेगा। विक्रेताओं को कमीशन प्राप्त करने के लिए किसी कार्यालय एवं देयक प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं रहेगी एवं विधिवत् रिकार्ड संधारण किया जा सकेगा। प्रतिमाह कमीशन भुगतान की जिला एवं राज्य स्तर पर समीक्षा की जा सकेगी।
पूर्व व्यवस्था अनुसार मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा उचित मूल्य दुकानों को कमीशन भुगतान सीधे दुकान संचालन करने वाली संस्थाओं न दिया जाकर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के माध्यम से कमीशन भुगतान की व्यवस्था थी। इसमें कमीशन भुगतान में अधिक समय एवं श्रम भी लगता था।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती स्मिता भारद्वाज द्वारा प्रवास के दौरान प्रायवेट इंटरप्रेनर्स गारंटी योजनांतर्गत संचालित गोदाम महादेव वेयरहाउस में मैकेनाईज ग्रेडिंग मशीन तथा स्टील सायलो का निरीक्षण किया गया। जिले के अधिकारियों के साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं उपार्जन की तैयारी की समीक्षा की गई और आवश्यक निर्देश दिए गए। बैठक में कलेक्टर के अलावा खाद्य विभाग के जिला अधिकारी शामिल हुए।
प्रदेश के सभी स्कूलों में क्रियाशील पेयजल एवं स्वच्छता सुविधाएँ हो
राज्य शिक्षा केन्द्र ने कलेक्टर्स को लिखा पत्र
भोपाल
राज्य शिक्षा केन्द्र ने प्रदेश के सभी स्कूलों में क्रियाशील पेयजल एवं स्वच्छता सुविधा के संबंध में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये जिला कलेक्टर्स को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि स्कूलों में विद्यार्थियों के उत्तम स्वास्थ्य एवं शौचालय में रनिंग वाटर सुविधा सहित साबुन से हाथ धोने की सुविधा क्रियाशील स्थिति में होना अति आवश्यक है। इस व्यवस्था को कलेक्टर एवं सह जिला मिशन संचालक को सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है।
पत्र में लिखा गया है कि स्कूलों में शौचालय बालक एवं बालिकाओं के लिये अलग-अलग उपलब्ध हो। यह कार्य जेजेएम, अमृत, समग्र शिक्षा योजना एवं जल जीवन मिशन के अंतर्गत उपलब्ध संसाधनों से किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में नल से प्राप्त जल (टेप वाटर) उपलब्ध कराने की योजना क्रियान्वित की जाये। इसके साथ ही स्कूलों में पानी की गुणवत्ता का परीक्षण समय-समय पर किया जायें। जहां भी आवश्यकता हो कीटाणुशोधन प्रणाली सुनिश्चित की जायें। स्कूलों में पानी और स्वच्छता सम्पत्तियों के रख-रखाव की सहायता सुनिश्चित की जायें। इसके लिये 15वें वित्त आयोग में पानी और स्वच्छता के लिये अनुदान देने और जहां भी आवश्यक हो स्वच्छ भारत कोष जैसे उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जायें। उक्त निर्देशों का पालन समयसीमा में प्राथमिक स्तर पर सुनिश्चित किये जाने के लिये कहा गया है।