अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तानी मंत्री का खुलासा: ट्रंप के दावे झूठे, भारत ने ठुकराई थी मध्यस्थता

इस्लामाबाद 
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा है कि भारत ने कभी भी तीसरे पक्ष की तरफ से मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है। खास बात है कि पाकिस्तान की तरफ से यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान में संघर्ष विराम कराया था। हालांकि, भारत ने साफ किया था कि सीजफायर को लेकर बातचीत द्विपक्षीय हुई थी।

अल जजीरा से बातचीत में डार से जब तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, 'हमें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है। हमें भी द्विपक्षीय में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन वार्ता व्यापक होनी चाहिए। इसमें आतंकवाद, व्यापार, अर्थव्यवस्था, जम्मू और कश्मीर इन सभी विषयों पर वार्ता होनी चाहिए।'

उन्होंने आगे कहा, 'जब 10 मई को सेक्रेटरी रूबियो की तरफ से सीजफायर का ऑफर मेरे पास आया, तो मुझे बताया गया कि जल्द ही भारत और आपके बीच स्वतंत्र मंच पर बातचीत होगी। जब हम 25 जुलाई को मैं और सेक्रेटरी रूबियो वॉशिंगटन में मिले तो मैंने पूछा कि वार्ता का क्या हुआ। इसपर उन्होंने कहा भारत का कहना है कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है।'

डार ने कहा, 'हमने कहा ठीक है। हम किसी चीज के लिए भीख नहीं मांग रहे हैं। अगर कोई देश बातचीत करना चाहता है, तो हम खुश हैं और स्वागत करते हैं। हम शांति पसंद मुल्क हैं। हमारा मानना है कि बातचीत ही आगे बढ़ने का तरीका है, लेकिन ताली एक हाथ से नहीं बजती। तो जब तक भारत बातचीत नहीं करना चाहता, तब तक हम जबरन वार्ता नहीं कर सकते। हम वार्ता थोपना नहीं चाहते।'

ऑपरेशन सिंदूर
जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने 7 मई को जवाबी कार्रवाई की थी। तब ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान के क्षेत्र में जाकर आतंकवादी ठिकाने तबाह किए थे। पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 लोगों की गोलियां चलाकर हत्या कर दी थी।

ट्रंप के दावे
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप कई मौकों पर दावा कर चुके हैं कि उन्होंने व्यापार के जरिए भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया था। जबकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेता साफ कर चुके हैं कि समझौता पूरी तरह से द्विपक्षीय था और इसमें किसी तीसरे देश की भूमिका नहीं थी। भारत ने कहा था कि पाकिस्तान डीजीएमओ की तरफ से अनुरोध किए जाने के बाद संघर्ष विराम हुआ था।

 

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