पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की बैठक, हड़ताल वापस लेने पर होगी चर्चा!
शिमला: हिमाचल प्रदेश में हड़ताल पर बैठे जिला परिषद कैडर कर्मचारियों के साथ आज पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह बैठक करेंगे. बैठक में जिला परिषद कैडर कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी शामिल होंगे. इसमें कर्मचारी पंचायती राज विभाग में मर्ज करने के साथ ही संशोधित वेतन व डीए जारी करने की मांग करेंगे. प्रदेश सरकार ने हड़ताल कर रहे 167 जेई को बर्खास्त कर दिया है, उनकी बहाली और हड़ताल के समय का वेतन जारी करने के मसले पर भी इस बैठक में चर्चा होगी. सरकार की ओर से मांगों को मानने का आश्वासन मिलने पर कर्मचारी अपनी हड़ताल वापस ले सकते हैं.
30 सितंबर से जारी हड़ताल: जिला परिषद कैडर के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर बीते 30 सितंबर से हड़ताल पर हैं. जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की प्रमुख मांग पंचायती राज विभाग में मर्ज करने की है. इसके अलावा इनको सरकार ने अन्य सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर संशोधित वेतनमान भी नहीं दिया है. जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को अभी तक उनके वित्तीय लाभ भी नहीं दिए गए हैं. इन कर्मचारियों को सरकार ने डीए की किस्त भी नहीं दी है. अपनी मांगों को लेकर जिला परिषद कैडर कर्मचारियों बीते जून माह में एक दिन का सामूहिक अवकाश भी कर चुके हैं. हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान भी इन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था, लेकिन सरकार द्वारा मांगें न मानने पर कर्मचारियों ने हड़ताल करने का फैसला लिया और वे बीते 30 सितंबर से हड़ताल पर हैं.
हड़ताल कर रहे 167 जेई टर्मिनेट: बीते वीरवार को प्रदेश सरकार ने हड़ताल कर रहे जिला परिषद कैडर 167 जेई को टर्मिनेट करने के आदेश जारी किए हैं. पंचायती राज विभाग की ओर से सभी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को इन कर्मचारियों को टर्मिनेट करने के आदेश दिए गए हैं और इनके स्थान पर आउटसोर्स पर नियुक्तियां करने को भी कहा है. हालांकि सरकार की ओर से अभी भी इन कर्मचारियों को हड़ताल छोड़कर काम पर आने की अपील की जा रही है.
‘कर्मचारियों की मांग पर सरकार गंभीर’: पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह का कहना है कि सरकार जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की पंचायती राज विभाग में मर्ज करने सहित अन्य मांगों को लेकर गंभीर है. उन्होंने कहा कि इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए सरकार ने इन कर्मचारियों को स्टेट कैडर में लाने का काम किया और उनकी बाकी मांगों को पूरा करने को लेकर सरकार कदम उठा रही है.